देशभर में वाहन चालक क्यों कर रहे प्रदर्शन और किन-किन राज्यों में दिखा असर?
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने यातायात सुरक्षा को लेकर मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन किया है। इसके विरोध में देशभर में वाहन चालकों ने मोर्चा खोल खोला हुआ है।
सोमवार को नए मोटर वाहन अधिनियम के खिलाफ वाहन चालक लामबंद नजर आए और प्रदर्शन किया। वह नए कानून को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं।
उनकी देशव्यापी हड़ताल का कुछ राज्यों में मिला-जुला असर देखने को मिला है।
आइए जानते हैं कि नए कानून का विरोध क्यों हो रहा है।
विरोध
क्या कानून लेकर आई है सरकार?
नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 106(1) के तहत लापरवाही के कारण किसी व्यक्ति की मौत होने पर इसे गैर-इरातदन हत्या मानते हुए 5 साल की कैद और जुर्माने की सजा हो सकती है।
इसके विपरीत 106(2) के तहत, अगर घटना के बाद वाहन चालक किसी पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को सूचित किए बिना मौके से भाग जाता है तो उसे 10 साल की कैद हो सकती है और जुर्माना भी लगाया सकता है।
कानून
क्यों हो रहा है नए कानून का विरोध?
इससे पहले हिट-एंड-रन मामले में IPC की धारा 279 और 304A के तहत चालकों को 2 साल तक की सजा मिलती थी और इसे लापरवाही से मौत का मामला माना जाता था।
चालकों का कहना है कि उन्हें हादसे के बाद मौके से भागना पड़ता है क्योंकि अधिकांश हादसों के बाद मॉब लिंचिंग की आशंका रहती है।
सरकार का तर्क है कि हर साल ऐसी लापरवाही के कारण 50,000 से अधिक लोगों की मौत होती है और कड़ाई जरूरी है।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में हड़ताल का क्या असर रहा?
उत्तर प्रदेश के नोएडा समेत कुछ जगहों पर हड़ताल का मिला-जुला असर देखा गया। यहां नए कानून के विरोध में रोडवेज की अनुबंधित और निजी बसों के चालकों के साथ ट्रक चालकों ने भी हड़ताल की।
संभल और चंदौसी जिले में हड़ताल के बीच मुरादाबाद से रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शकारी चालकों से वार्ता की।
इसी बीच अलीगढ़, हाथरस, एटा और कासगंज जैसे जिलों में भी ट्रांसपोटर्स से साथ सभी ट्रक चालक हड़ताल पर रहे।
छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी दिखा हड़ताल का असर
नए कानून के विरोध में देशव्यापी हड़ताल का असर छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी दिखने को मिला है।
छत्तीसगढ़ वाहन चालक संघ के तत्वाधान में प्रदर्शनकारियों ने जशपुर बस स्टैंड पर एकत्रित होकर जमकर नारेबाजी करते हुए सरकार से कानून वापस लेने की मांग की।
दूसरी ओर मध्य प्रदेश के कई जिलों में भी ट्रांसपोर्टर्स और वाहन चालकों ने देशव्यापी हड़ताल का समर्थन किया और वाहनों के पहिए जाम रखे।
जानकारी
मध्य प्रदेश में हड़ताल के चलते डीजल-पेट्रोल की बढ़ी किल्लत
मध्य प्रदेश में ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल के चलते पेट्रोल पंपों पर ईंधन की आंशिक किल्लत शुरू हो गई है। पेट्रोल पंप संचालकों का मानना है कि अगर हड़ताल जारी रहती है तो आने वाले दिनों में यहां डीजल-पेट्रोल खत्म हो सकता है।
बिहार
बिहार में वाहन चालकों ने राष्ट्रीय राजमार्ग-31 किया जाम
बिहार के बेगूसराय में भी नए वाहन अधिनियम के खिलाफ वाहन चालकों ने प्रदर्शन किया।
राष्ट्रीय राजमार्ग-31 पर जाम लगाकर वाहन चालकों ने यहां सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की। उनका कहना है कि नए कानून के लागू होने से वह बर्बाद हो जाएंगे।
राज्य के अन्य कुछ जिलों में भी वाहन चालकों की हड़ताल के कारण अधिकांश यात्री बसों के पहिए थमे रहे। यहां बस स्टैंड के आसपास यात्री वाहन के चलने का इंतजार करते नजर आए।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
केंद्र ने पिछले साल भी हिट-एंड-रन दुर्घटना में पीड़ितों के मुआवजे को लेकर संशोधन किया था।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने हिट एंड-रन केस में मौत होने पर पीड़ित के परिवार को मिलने वाली मुआवजा राशि को 25,000 से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया था।
तब सरकार ने एक नया 'मोटर वाहन दुर्घटना फंड' बनाने की भी घोषणा की थी। यह नियम 1 अप्रैल, 2022 से देश में लागू है।