नवनीत राणा को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने जाति प्रमाण पत्र को वैध ठहराया
महाराष्ट्र की अमरावती सीट से वर्तमान सांसद और इस बार भाजपा की प्रत्याशी नवनीत राणा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उनके जाति प्रमाण पत्र को वैध ठहराया है। इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ने उनके जाति प्रमाण पत्र को फर्जी बताते हुए निरस्त कर दिया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट का फैसला पलट दिया। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इसे राणा के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है।
क्या है मामला?
राणा अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित सीट से सांसद हैं। 2021 में बॉम्बे हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें कहा गया था कि राणा ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए अपना जाति प्रमाण पत्र बनवाया और इसका इस्तेमाल कर चुनाव लड़ा। हाई कोर्ट ने अपने फैसले में इस दावे को सही मानते हुए राणा का प्रमाण पत्र अमान्य घोषित कर दिया था और उन पर 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था।
राणा ने हाई कोर्ट के फैसले को दी थी चुनौती
हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ राणा ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश जेके माहेश्वरी और संजय करोल की पीठ ने कहा, "स्क्रूटनी समिति ने संबंधित दस्तावेजों पर विचार करने के बाद राणा के जाति प्रमाण पत्र को मान्य किया था। इसके अलावा सभी पक्षों को सुना गया और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का अनुपालन किया गया। समिति के निष्कर्षों में हाई कोर्ट का हस्तक्षेप उचित नहीं था।"
राणा बोलीं- सत्य की हमेशा जीत होती है
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर राणा ने कहा, "मैं सुप्रीम कोर्ट की बहुत ज्यादा आभारी हूं। जो संघर्ष मैंने इतने सालों से किया, उसका आज दूध का दूध पानी का पानी हुआ। मेरे जन्म पर सवाल उठाने वालों को आज जवाब मिल गया। 2019 से लेकर आज तक जो जनता ने विश्वास किया, मैं उसका आभार करती हूं। सत्य की हमेशा जीत होती है। यह बाबा साहेब और छत्रपति शिवाजी महाराज के दिखाए रास्ते पर चलने वालों की जीत है।"
अमरावती से सांसद हैं राणा
राणा ने 2014 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के टिकट पर अमरावती से लोकसभा चुनाव लड़ा था। तब वे हार गई थीं। 2019 में उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर फिर किस्मत आजमाई और जीत दर्ज की। उन्होंने अमरावती से तत्कालीन शिवसेना सांसद आनंदराव अडसुल को 36,951 वोटों से हराया था। राणा अब भाजपा में शामिल हो गई हैं और पार्टी ने उन्हें अमरावती से मैदान में उतारा है।
हनुमान चालिसा विवाद से सुर्खियों में आई थीं राणा
2022 में राणा उस वक्त चर्चा में आई थीं, जब उन्होंने अपनी पति रवि राणा के साथ मिलकर उद्धव ठाकरे के घर 'मातोश्री' के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने का ऐलान किया था। हालांकि, दंपति के ऐसा करने से पहले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था और दोनों पर देशद्रोह समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में दंपत्ति को मई में जमानत मिल गई थी।