विक्टोरिया गौरी ने ली मद्रास हाई कोर्ट के जज की शपथ, सुप्रीम कोर्ट में याचिका खारिज
क्या है खबर?
विक्टोरिया गौरी की मद्रास हाई कोर्ट के जज के तौर पर नियुक्ति के खिलाफ दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। मद्रास बार एसोसिएशन से जुड़े वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में उनकी नियुक्ति के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी।
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए इस नियुक्ति को सही ठहराया है।
इससे पहले विक्टोरिया गौरी ने मद्रास हाई कोर्ट के जज के रूप में शपथ ली।
घटनाक्रम
क्या है मामला?
विक्टोरिया गौरी को मद्रास हाई कोर्ट का जज नियुक्त करने को लेकर केंद्र सरकार ने सोमवार को नोटिफिकेशन जारी किया था। इस नियुक्ति के खिलाफ वकील राजू रामचंद्रन और अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
याचिका में आरोप लगाया गया था कि विक्टोरिया गौरी ने मुस्लिमों और ईसाइयों के खिलाफ आपत्तिजनक ट्वीट किये थे और उन्हें भाजपा का संरक्षण प्राप्त है।
आज CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस याचिका को खारिज कर दिया है।
याचिका
कोर्ट की पीठ के सामने याचिकाकर्ता ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर सुनवाई के दौरान वकील रामचंद्रन ने कहा, "शपथ लेने वाले न्यायाधीशों की संविधान में सच्ची आस्था होनी चाहिए। विक्टोरिया गौरी अल्पसंख्यकों को लेकर दिये अपने सार्वजनिक बयानों के कारण मद्रास हाई कोर्ट के जज के लिए उपयुक्त नहीं हैं और उनकी नियुक्ति को रद्द किया जाना चाहिए।"
उन्होंने 1992 में कुमार पद्म प्रसाद बनाम केंद्र सरकार केस का हवाला दिया, जिसमें नियुक्ति की सिफारिशों को रद्द किया गया था।
कोर्ट
CJI अध्यक्षता वाली पीठ ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "पात्रता और उपयुक्तता में अंतर होता है और कोर्ट उपयुक्तता के संदर्भ में नहीं जा सकता क्योंकि यह बहुत मुश्किल हो जाएगा। कोर्ट को उपयुक्तता में नहीं पड़ना चाहिए अन्यथा पूरी प्रक्रिया ही गड़बड़ा जाएगी।"
जस्टिस बीआर गवई कहा, "न्यायाधीश बनने से पहले मेरी भी एक राजनीतिक पृष्ठभूमि रही है, मैं 20 साल से न्यायाधीश हूं और मेरी पृष्ठभूमि मेरे कार्यों के आड़े नहीं आई है।"
पीठ ने नियुक्ति पर पुनर्विचार से इनकार कर दिया है।
शुभकामनाएं
विक्टोरिया गौरी समेत 11 वकीलों की हुई नियुक्ति
बीते सोमवार को केंद्र सरकार ने विक्टोरिया गौरी समेत कुल 11 वकीलों और दो न्यायिक अधिकारियों को इलाहाबाद, कर्नाटक और मद्रास हाई कोर्ट में अतिरिक्त जजों के रूप में नियुक्ति का नोटिफिकेशन जारी किया था।
केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट करके नई नियुक्तियों की घोषणा और नियुक्ति पाने वाले सभी लोगों को शुभकामनाएं भी दी थी।
याचिका में यह आरोप भी लगाया गया था कि वकील विक्टोरिया गौरी भाजपा के महिला मोर्चा की पदाधिकारी रही हैं।