बिलकिस बानो गैंगरेप केस: दोषियों की रिहाई के खिलाफ सुनवाई को तैयार हुआ सुप्रीम कोर्ट
क्या है खबर?
बिलकिस बानो का गैंगरेप करने वाले दोषियों की जेल से रिहाई का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। कोर्ट दोषियों की रिहाई के खिलाफ डाली गई याचिका पर सुनवाई करने को तैयार हो गया है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) की पोलितब्यूरो की सदस्य सुभाषिनी अली और अन्य दो महिलाओं ने मिलकर यह जनहित याचिका डाली है।
मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमन्ना ने कहा कि वो जल्द ही इस मामले को देखेंगे। याचिकाकर्ताओं ने बुधवार को सुनवाई का अनुरोध किया है।
पृष्ठभूमि
क्या है बिलकिस बानो गैंगरेप केस?
गोधरा में कारसेवकों से भरी ट्रेन की बोगी में आग लगने के बाद हुए गुजरात दंगों के दौरान 3 मार्च, 2002 को दाहोद जिले के रंधिकपुर गांव में बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप किया गया था।
उस वक्त बिलकिस 21 साल की थीं और पांच महीने की गर्भवती थीं। दंगाइयों ने बिलकिस के परिवार के 14 सदस्यों की हत्या भी कर दी थी। मरने वालों में बिलकिस की तीन वर्षीय बेटी भी शामिल थी।
जानकारी
CBI कोर्ट ने दोषियों को सुनाई थी उम्रकैद की सजा
CBI की एक स्पेशल कोर्ट ने 21 जनवरी, 2008 को मामले में 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी, वहीं बाकियों को सबूतों के अभाव में छोड़ना पड़ा था। अब इन 11 दोषियों को भी जेल से रिहा कर दिया गया है।
रिहाई
स्वतंत्रता दिवस पर रिहा किए गए थे दोषी
गुजरात सरकार ने 1992 की माफी नीति के तहत 15 अगस्त को बिलकिस बानो गैंगरेप केस के सभी 11 दोषियों को रिहा किया था।
सरकार का कहना है कि जेल में 14 साल पूरे होने और उम्र, जेल में बर्ताव और अपराध की प्रकृति जैसे कारकों के चलते दोषियों की सजा में छूट के आवेदन पर विचार किया गया था।
उम्रकैद का मतलब न्यूनतम 14 साल की सजा होती है और इन दोषियों ने इतनी सजा काट ली है।
सिफारिश
गुजरात सरकार की समिति की सिफारिश पर की गई है रिहाई
बता दें कि दोषियों की रिहाई गुजरात सरकार की एक समिति की सिफारिश पर की गई है।
दरअसल, एक दोषी राधेश्याम ने माफी के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसने गुजरात सरकार को रिहाई के आवेदन पर फैसला लेने को कहा था।
गुजरात सरकार ने मामले में एक समिति का गठन किया था जिसने सर्वसम्मति से सभी 11 दोषियों को रिहा करने की सिफारिश की। इस समिति में दो भाजपा नेता भी शामिल थे।
बयान
दोषियों की रिहाई को रद्द करने की मांग कर चुकी हैं बिलकिस
बिलकिस बानो ने दोषियों की रिहाई का फैसला पलटने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस रिहाई ने न्याय में उनके विश्वास को हिला दिया है।
बिलकिस का कहना है कि दोषियों की रिहाई के बाद उन्होंने इस 20 साल पुरानी घटना के सदमे को एक बार फिर से महसूस किया।
उन्होंन कहा, "आज मैं केवल यह पूछ सकती हूं कि किसी औरत की न्याय की लड़ाई ऐसे कैसे खत्म हो सकती है?"