महाराष्ट्र: कथित पैसे वसूली को लेकर पूर्व और वर्तमान गृह मंत्री क्यों हुए आमने-सामने?
महाराष्ट्र के पूर्व और वर्तमान गृह मंत्री के बयानों ने राज्य में सियासी हलचल बढ़ा दी है। पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर मुकदमेबाजी में फंसने से बचने के लिए महाविकास अघाडी सरकार के नेताओं के खिलाफ हलफनामा देने का दबाव बनाने का आरोप लगाया था। अब इस मामले में निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वझे की भी एंट्री हो गई है। उन्होंने देशमुख पर रिश्वत लेने के आरोप लगाए हैं।
कैसे शुरू हुआ मामला?
दरअसल, कुछ दिन पहले देशमुख ने फडणवीस पर आरोप लगाया था कि फडणवीस ने एक बिचौलिए के जरिए मुकदमेबाजी से बचने के लिए तत्कालीन महाविकास अघाडी के नेताओं के खिलाफ हलफनामा दायर करने के लिए कहा था। देशमुख ने कहा था कि फडणवीस तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को जेल भेजना चाहते थे और आदित्य ठाकरे को भी जेल में डालना चाहते थे। बता दें कि तब फडणवीस विपक्ष के नेता थे।
अब सचिन वझे ने देशमुख पर क्या आरोप लगाए?
वझे ने देशमुख पर आरोप लगाया है कि वे अपने निजी सहायक के जरिए पैसे लेते थे। उन्होंने कहा, "जो कुछ भी हुआ है, उसका सबूत है। पैसा देशमुख के निजी सहायक के माध्यम से जाता था। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के पास सबूत है और मैंने फडणवीस को एक पत्र भी लिखा है, जिसमें जयंत पाटील का भी नाम है। मैंने सारे सबूत जमा कर दिए हैं। मैं नार्को टेस्ट के लिए भी तैयार हूं।"
वझे ने बताया कैसे होती थी कथित वसूली
वझे ने कहा, "मुझे हर बार और होटल मालिक से हर महीने 3 लाख रुपए वसूलने को कहा गया था। मैंने इन निर्देशों का पालन किया, क्योंकि डर था कि अगर ऐसा नहीं किया तो नौकरी चली जाएगी। मैं ये पैसे फिर देशमुख के निजी सहायक कुंदन शिंदे को सौंप देता था, जो कथित तौर पर उन्हें देशमुख को सौंप देता था। यह काम कई महीनों से चल रहा था।"
वझे के आरोपों पर देशमुख ने क्या कहा?
देशमुख ने कहा, "यह फडणवीस की नई चाल है। वे सचिन वझे को पकड़कर उसका इस्तेमाल कर रहे हैं। हाई कोर्ट ने वझे को लेकर कहा था कि वह एक आपराधिक पृष्ठभूमि वाला व्यक्ति है। उसे 2 हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है और वह जेल में ही है।" उन्होंने कहा, "आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति पर भरोसा नहीं करना चाहिए। उसके बयान पर भरोसा नहीं किया जा सकता। क्या फडणवीस को यही व्यक्ति मिला, जिसकी आपराधिक पृष्ठभूमि है।"
क्या है मामला?
2021 में मुंबई के तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने देशमुख पर आरोप लगाया था कि वे पुलिस को शहर के होटल एवं बार मालिकों से वसूली करने को कहते हैं। सिंह ने इस संबंध में तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव को पत्र भी लिखा था। मामले पर खूब राजनीति और आरोप-प्रत्यारोप भी हुए थे। हालांकि, देशमुख ने आरोपों को नकारा था, लेकिन विवाद बढ़ने पर अप्रैल, 2021 में उन्होंने गृहमंत्री के पद इस्तीफा दे दिया था।