
रूस से कब मिलेगी और S-400 प्रणाली? सुखोई लड़ाकू विमानों पर भी सामने आई अहम जानकारी
क्या है खबर?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सम्मेलन में शामिल होने के लिए चीन दौरे पर हैं। वहां उन्होंने रूस के रक्षा मंत्री आंद्रे बेलौसोव से मुलाकात की। इस बैठक में उन्होंने S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की 2 यूनिट की डिलीवरी में हो रही देरी का मुद्दा उठाया। अब इसकी डिलीवरी को लेकर अहम जानकारी सामने आई है। बता दें कि पाकिस्तान के साथ हालिया संघर्ष के दौरान S-400 ने अहम भूमिका निभाई थी।
डिलीवरी
2026-27 तक मिल सकते हैं 2 और S-400 सिस्टम
भारत और रूस के बीच साल 2018 में 5 S-400 सिस्टम को खरीदने के लिए करीब 39,000 करोड़ रुपये का समझौता हुआ था। इन 5 में से 3 सिस्टम की डिलीवरी हो चुकी है, जिन्हें भारत ने रणनीतिक स्थानों पर तैनात भी कर रखा है। अब रूसी रक्षा मंत्री ने राजनाथ सिंह को आश्वासन दिया है कि बची 2 इकाइयों की डिलीवरी भी अगले 24 महीनों में हो सकती है। ऐसे में भारत को ये 2026-27 तक मिल सकती हैं।
सुखोई
सुखाई 30 MKI लड़ाकू विमानों पर भी हुई चर्चा
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, बैठक में Su-30 MKI लड़ाकू विमान के अपग्रेड को लेकर भी चर्चा हुई। भारतीय वायु सेना के पास करीब 260 Su-30 MKI लड़ाकू विमान हैं। इनमें नए एवियोनिक्स, उन्नत रडार और 78 प्रतिशत तक स्वदेशी सामग्री शामिल करने की योजना है, जो आत्मनिर्भर भारत पहल का हिस्सा है। इस संबंध में भी बैठक में चर्चा हुई। बता दें कि ये विमान भी 'ऑपरेशन सिंदूर' में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं।
अन्य मुद्दे
और किन-किन मुद्दों पर हुई चर्चा?
बयान के मुताबिक, भारत और रूस ने हवाई रक्षा, हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और अन्य आधुनिक सैन्य उपकरणों की त्वरित आपूर्ति पर भी सहमति जताई। दोनों देशों ने ब्रह्मोस मिसाइल, T-90 टैंक, मिग-29, कामोव हेलीकॉप्टर और AK-203 राइफल जैसे संयुक्त परियोजनाओं को और तेज करने पर भी चर्चा की। रूसी रक्षा मंत्री बेलौसोव ने भारत-रूस के दीर्घकालिक रक्षा संबंधों की सराहना की और कहा कि ये संबंध समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं।
पाकिस्तान
'ऑपरेशन सिंदूर' में इस्तेमाल हुई थी S-400 प्रणाली
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था। इससे बौखलाए पाकिस्तान ने भारत पर मिसाइल और ड्रोन से हमला किया था। इस दौरान भारत के S-400 ने ही पाकिस्तान की ओर से दागे गए मिसाइल और ड्रोन को मार गिराया था। पाकिस्तान ने आदमपुर एयरबेस में S-400 को निशाना बनाने का दावा किया था। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदमपुर पहुंचकर S-400 यूनिट के साथ तस्वीरें खिंचवाई थीं।
खासियत
क्या है S-400 प्रणाली की खासियत?
S-400 की गिनती दुनिया की श्रेष्ठ वायु रक्षा प्रणालियों में होती है। ये 40 से 400 किलोमीटर तक हर लक्ष्य को मार गिराने में सक्षम है। इसमें लंबी दूरी का रडार सिस्टम और हर मौसम में चलने वाले ट्रांसपोर्ट व्हीकल भी होते हैं, जिससे इसे कहीं भी तैनात किया जा सकता है। S-400 के हर स्क्वाड्रन में 2 मिसाइल बैटरियां होती हैं, जिनमें 128 मिसाइलें होती हैं। भारत ने इन्हें उत्तर-पश्चिम और पूर्वी इलाके में तैनात किया हुआ है।