राहुल गांधी संसद में किसानों से मिले, बोले- MSP के लिए सरकार पर डालेंगे दबाव
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आज संसद में किसान नेताओं से मुलाकात की। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (KMM) के बैनर तले 12 किसान नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल संसद में राहुल से मिलने पहुंचा और अपनी मांगों का एक पत्र सौंपा। बैठक के बाद राहुल ने कहा कि वे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी के लिए सरकार पर दबाव डालेंगे।
राहुल ने कहा- सरकार पर डालेंगे दबाव
किसान नेताओं से मुलाकात के बाद राहुल ने कहा, "हमने अपने घोषणा पत्र में कानूनी गारंटी के साथ MSP का जिक्र किया है। हमने आकलन किया है और सामने आया है कि इसे लागू किया जा सकता है। हमने अभी एक बैठक की, जिसमें तय किया गया कि हम INDIA गठबंधन के दूसरे नेताओं से बात करेंगे और सरकार पर दबाव डालेंगे कि देश के किसानों को MSP की कानूनी गारंटी दी जाए।"
बैठक में कौन-कौन शामिल हुआ?
राहुल से मिले प्रतिनिधिमंडल में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और कर्नाटक के 12 किसान नेता शामिल थे। बैठक में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वारिंग, कांग्रेस नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा, गुरजीत सिंह औजला, धर्मवीर गांधी, अमर सिंह, दीपेंद्र सिंह हुड्डा और जय प्रकाश भी मौजूद थे। किसान नेताओं ने पहले कहा था कि वे मानसून सत्र के दौरान सरकार और विपक्ष के नेताओं से मिलेंगे।
क्या है किसानों की मांग?
किसान संगठन MSP सहित कई मुद्दों पर कई महीनों से आंदोलन कर रहे हैं। फिलहाल किसान इस मुद्दे पर संसद के मौजूदा सत्र में एक प्राइवेट मेंबर विधेयक की मांग कर रहे हैं। बैठक के बाद किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा, "अगर हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं तो हम आंदोलन दोबारा करेंगे। सरकार ने बहुत सारे वादे किए थे, लेकिन वे पूरे नहीं हुए। राहुल गांधी ने कहा है कि वो हमारी आवाज संसद में उठाएंगे।"
किसानों के संसद में प्रवेश पर विवाद
मुलाकात से कुछ देर पहले राहुल ने किसानों को संसद के अंदर नहीं आने देने का आरोप लगाया। उन्होंने पत्रकारों से कहा, "हमने उन्हें (किसान नेताओं को) यहां मिलने के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन वे उन्हें संसद में) नहीं आने दे रहे हैं। क्योंकि वे किसान हैं, शायद यही कारण है कि वे उन्हें अंदर नहीं आने दे रहे हैं।" हालांकि, कुछ देर बाद किसानों को अंदर जाने की अनुमति मिल गई।
न्यूजबाइट्स प्लस
सरकार किसानों की फसल के लिए एक न्यूनतम मूल्य निर्धारित करती है, जिसे MSP कहा जाता है। यह एक तरह से सरकार की तरफ से गारंटी होती है कि किसान को हर हाल में उसकी फसल के लिए इतने कीमत जरूर मिलेगी। अगर मंडियों में किसान को MSP या उससे ज्यादा पैसे नहीं मिलते तो सरकार किसानों से उनकी फसल MSP पर खरीदती है। इससे बाजार में फसलों की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव का किसानों पर असर नहीं पड़ता।