
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी SCO सम्मेलन में शामिल होने चीन जाएंगे, गलवान हिंसा के बाद पहला दौरा
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन का दौरा करेंगे। वे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए 31 अगस्त और 1 सितंबर को चीन दौरे पर रहेंगे। गलवान घाटी हिंसा के बाद प्रधानमंत्री मोदी का ये पहला चीन दौरा होगा। अमेरिका से टैरिफ पर चले रहे विवाद को देखते हुए इसे बेहद अहम कदम माना जा रहा है। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी 30 अगस्त को जापान का दौरा करेंगे। वहां वो भारत-जापान शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
बैठक
किन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा?
SCO सम्मेलन के दौरान सदस्य देशों के बीच क्षेत्रीय सुरक्षा, आतंकवाद और व्यापार पर चर्चा हो सकती है। संभावना है कि प्रधानमंत्री मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अनौपचारिक मुलाकात भी करें। इस दौरान भारत-चीन संबंधों में स्थिरता और संवाद बहाल करने को लेकर भी चर्चा हो सकती है। मोदी और जिनपिंग की आखिरी मुलाकात अक्टूबर 2024 में रूस के कजान में हुई थी।
चीन
5 बार चीन का दौरा कर चुके हैं प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री मोदी ने आखिरी बार 2019 में चीन का दौरा किया था। वे अब तक 5 बार चीन जा चुके हैं। 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद 2015 में वे पहली बार चीन गए थे। इसके अलावा वे शी जिनपिंग से कई बार अलग-अलग मौकों पर मिल चुके हैं। वे कई वैश्विक मंचों पर अनौपचारिक मुलाकातें भी राष्ट्रपति जिनपिंग के साथ कर चुके हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए वे 4 बार चीन गए थे।
अमेरिका
दौरे पर रहेंगी अमेरिका की भी नजरें
प्रधानमंत्री का ये दौरा अमेरिकी टैरिफ और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों के बीच हो रहा है। ट्रंप बार-बार भारत पर यूक्रेन युद्ध में शामिल होने और रूस से कच्चे तेल को लेकर टैरिफ बढ़ाने की धमकी दे रहे हैं। उन्होंने BRICS देशों पर अतिरिक्त टैरिफ की चेतावनी भी दी है। इसे देखते हुए प्रधानमंत्री का चीन दौरा अहम रहेगा। फिलहाल भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल रूस दौरे पर हैं।
संबंध
गलवान घाटी के बाद बिगड़े भारत-चीन संबंध
मई 2020 में पूर्वी लद्दाख के गलवान में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इसके बाद भारत-चीन संबंध बेहद खराब हो गए थे। हालांकि, बीते कुछ सालों में दोनों देशों ने तनाव कम करने पर सहमति जताई है। LAC पर गश्त को लेकर भी समझौता हुआ है। इसी साल जून में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी चीन का दौरा किया था। जुलाई से भारत ने चीनी पर्यटकों को वीजा देना शुरू कर दिया है।
SCO
क्या है SCO?
SCO एक प्रभावशाली आर्थिक और सुरक्षा संगठन है, जिसकी औपचारिक स्थापना 2001 में एक शिखर सम्मेलन के दौरान रूस, चीन, किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान द्वारा की गई थी। 2017 में भारत और पाकिस्तान भी इसके स्थायी सदस्य बन गए। 2023 में ईरान भी इसका सदस्य बना। SCO देशों में दुनिया की लगभग 40 प्रतिशत आबादी रहती है और वैश्विक अर्थव्यवस्था में इन देशों का योगदान 20 प्रतिशत के आसपास है।