हीराबेन मोदी: देश के प्रधानमंत्री को जन्म देने वाली साधारण मां, जिसका था असाधारण व्यक्तित्व
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन मोदी शुक्रवार को पंचतत्व में विलीन हो गईं। प्रधानमंत्री मोदी ने गांधीनगर पहुंचकर उन्हें मुखाग्नि दी।
आज सुबह अहमदाबाद के यूएन मेहता अस्पताल में 99 वर्ष की आयु में हीराबेन का निधन हुआ था।
प्रधानमंत्री मोदी ने 18 जून, 2022 को अपनी मां के 100वें जन्मदिन पर 'मां' नामक एक ब्लॉग लिखा था, जिसमें उन्होंने उनके व्यक्तित्व के बारे में बताया था। आइए जानते हैं हीराबेन मोदी का व्यक्तित्व कैसा था।
जन्म
वडनगर में हुआ था हीराबेन का जन्म
हीराबेन मोदी का जन्म 18 जून, 1923 को गुजरात के मेहसाणा जिले के वडनगर में हुआ था। हीरा बा के जन्म के कुछ दिन बाद ही उनकी मां का निधन हो गया था।
उनके पांच बेटे, नरेंद्र मोदी, पंकज मोदी, सोमा मोदी, अमृत मोदी और प्रह्लाद मोदी, और एक बेटी वसंतीबेन हसमुखलाल मोदी है।
हीरा बा प्रधानमंत्री मोदी के छोटे भाई पंकज मोदी के साथ उनके गांधीनगर स्थित घर में रहती थीं।
जीवन
काफी कम आयु में हुई थी हीराबेन की शादी
हीराबेन की शादी काफी कम आयु में वडनगर के रहने वाले दामोदरदास मोदी से हुई थी। दामोदरदास मोदी एक चाय की दुकान चलाते थे।
हीराबेन अपने परिवार में सबसे बड़ी थीं और जब शादी हुई तो भी वह मोदी परिवार की सबसे बड़ी बहू बनीं। वह अपनी सभी जिम्मेदारियों को निभाते हुए हर स्थिति में परिवार को संभालती थीं।
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया था कि उनके माता-पिता ने अभाव के बीच घर में कभी तनाव को हावी नहीं होने दिया।
दिनचर्या
घर के सारे काम खुद करती थीं हीराबेन
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ब्लॉग में बताया था कि उनकी मां असाधारण व्यक्तित्व की धनी थीं और उनके पिता की तरह समय की पाबंद थीं। उन्हें सुबह 4 बजे उठने की आदत थी और वो घर के बहुत सारे काम निपटा लिया करती थीं।
हीरा बा गेहूं पीसने, बाजरा पीसने और चावल या दाल बीनने जैसे कई काम खुद करती थीं। वह अपने बच्चों को पढ़ाई छोड़कर उनका हाथ बंटाने के लिए भी कभी नहीं कहती थीं।
सीख
बारिश के पानी का संरक्षण करती थीं हीराबेन
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया था कि उनकी मां किसी भी काम के लिए दूसरे पर निर्भर नहीं रहती थीं।
उनका घर मिट्टी से बना था और बारिश के मौसम से पहले हीरा बा घर की छत को खुद ठीक करती थीं।
वह घर की छत से टपकते हुए पानी को बर्तनों में इकट्ठा करती थीं और अगले कुछ दिनों तक उस पानी का इस्तेमाल घर के कामों के लिए कर लेती थीं।
दिनचर्या
हीराबेन ने दूसरों के घर में बर्तन धोने का काम भी किया
हीराबेन घर चलाना काफी अच्छे से जानती थीं। प्रधानमंत्री के अनुसार, कुछ अतिरिक्त रुपये इकठ्ठा हो जाएं, इसके लिए वह दूसरों के घर के बर्तन भी धोती थीं।
वह समय निकालकर चरखा भी चलाया करती थीं क्योंकि उससे भी कुछ पैसे जुट जाते थे। पैसे न होने की स्थिति में भी वह किसी न किसी तरह अपना परिवार चला लेती थीं।
वह गर्मी के दिनों में पक्षियों के लिए मिट्टी के बर्तनों में दाना और पानी भी रखती थीं।
व्यक्तित्व
साफ-सफाई का काफी ध्यान रखती थीं हीराबेन
हीराबेन साफ-सफाई का काफी ध्यान रखती थीं। वह हमेशा अपने साथ एक रूमाल और छोटा तौलिया रखती थीं। प्रधानमंत्री मोदी के खाना खाने के बाद वह इन्हीं से उनका मुंह साफ करती थीं।
इसके अलावा हीराबेन घर के सभी सामान को ठीक से संजोकर रखती थीं। वह घर के आसपास के वातावरण का भी खास ख्याल रखती थीं और सफाईकमियों के प्रति भी प्रेम के भाव से पेश आती थीं।
लगाव
प्रधानमंत्री मोदी को अपनी मां से था खास लगाव
प्रधानमंत्री मोदी को अपनी मां से खास लगाव था और वह उनके लिए सबसे बड़ी प्रेरणास्त्रोत रहीं।
वह हर खास मौके पर उनसे मुलाकात करने जाते थे, चाहें फिर उनका जन्मदिन हो या कोई बड़ी चुनावी जीत।
आखिरी बार गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री मोदी अपनी मां से मिले थे। इससे पहले जून में उन्होंने हीराबेन के 99वें जन्मदिन पर घर पहुंचकर मुलाकात की थी और उनके लिए एक ब्लॉग भी लिखा था।