
प्रधानमंत्री ने शुरू की धन धान्य और दाल उत्पादन मिशन योजना, किसानों को क्या होंगे फायदे?
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) में कृषि क्षेत्र के लिए 35,440 करोड़ रुपये की 2 बड़ी योजनाएं शुरू की हैं। उन्होंने 11,440 करोड़ रुपये की दाल उत्पादन मिशन योजना और 24,000 करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना की शुरुआत की। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी के भारत को तेजी से विकसित करने के लिए कृषि प्रणाली में सुधार जरूरी है।
बयान
प्रधानमंत्री ने कहा- पिछली सरकारों ने कृषि को छोड़ा
प्रधानमंत्री ने कहा, "किसान और खेती हमेशा हमारे विकास यात्रा का महत्वपूर्ण हिस्सा रही हैं। समय के साथ यह जरूरी है कि कृषि को सरकार का समर्थन मिलता रहे। दुर्भाग्य से पिछली सरकारों ने कृषि को छोड़ दिया था। हमने पिछली सरकारों के लापरवाह रवैये को बदला। बीज से लेकर बाजार तक किसानों के लाभ के लिए अनगिनत सुधार किए।" इस दौरान प्रधानमंत्री ने किसानों से चर्चा कर उनकी समस्याएं भी सुनी।
धन धान्य योजना
1.7 करोड़ किसानों को होगा धन धान्य योजना से फायदा
धन धान्य योजना के उद्धेश्य उत्पादकता बढ़ाना, फसल विविधीकरण, टिकाऊ कृषि पद्धतियों को प्रोत्साहित करना, पंचायत और ब्लॉक स्तर पर फसल-उपरांत भंडारण क्षमता बढ़ाना, सिंचाई बुनियादी ढांचे में सुधार करना और अल्पकालिक और दीर्घकालिक कृषि ऋण तक पहुंच को सरल बनाना है। यह योजना खासतौर पर उन जिलों के लिए है, जहां पैदावार कम होती है। ऐसे 100 जिलों का चयन किया गया है। 1.7 करोड़ किसानों को इस योजना के जरिए मदद मिलेगी।
अन्य लाभ
धन धान्य योजना से ये फायदे भी होंगे
सरकार के मुताबिक, योजना फसल कटाई के बाद भंडारण क्षमता बढ़ाएगी, सिंचाई सुविधाओं में सुधार करेगी और कृषि उत्पादकता को बढ़ाएगी। योजना के तहत, किसानों को कम कीमत पर अच्छी गुणवत्ता के बीज मिलेंगे और खेती के लिए खाद भी मुफ्त में दी जाएगी। सिंचाई के लिए पंप या ट्रैक्टर खरीदने पर सरकार की तरफ से सब्सिडी दी जाएगी। खेती में नई तकनीकों के इस्तेमाल को लेकर प्रशिक्षण दिया जाएगा और किसानों को आसान कर्ज की व्यवस्था की जाएगी।
दाल
क्या है दाल उत्पादन मिशन योजना?
दालों में आत्मनिर्भरता पाने के लिए दलहन मिशन का लक्ष्य 2030-31 तक रखा गया है। इस दौरान दालों का क्षेत्रफल 275 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 310 लाख हेक्टेयर करने और उत्पादन भी 242 लाख टन से बढ़ाकर 350 लाख टन करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए किसानों को दलहन के हाइब्रिड बीजों की मिनी किट उपलब्ध कराई जाएगी। सरकार 126 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज किसानों को बांटेगी। इसके अलावा 88 लाख निशुल्क बीज किट भी बांटे जाएंगे।
अन्य योजनाएं
प्रधानमंत्री ने इन परियोजनाओं की भी शुरुआत की
प्रधानमंत्री ने कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों में 5,450 करोड़ रुपये से ज्यादा की परियोजनाओं का भी शुभारंभ किया। इनमें बेंगलुरु और जम्मू-कश्मीर में कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण केंद्र, अमरेली और बनास में उत्कृष्टता केंद्र, राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत असम में IVF लैब की स्थापना, मेहसाणा, इंदौर और भीलवाड़ा में दूध पाउडर संयंत्र, तेजपुर में मछली चारा संयंत्र, कृषि प्रसंस्करण क्लस्टरों के लिए बुनियादी ढांचा, एकीकृत कोल्ड चेन और मूल्यवर्धन अवसंरचना शामिल है।