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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साइप्रस पहुंचे, कितना अहम है दौरा और तुर्की से क्या संबंध है?
प्रधानमंत्री मोदी साइप्रस के दौरे पर हैं (तस्वीर-एक्स/@narendramodi)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साइप्रस पहुंचे, कितना अहम है दौरा और तुर्की से क्या संबंध है?

लेखन आबिद खान
Jun 15, 2025
06:28 pm

क्या है खबर?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 देशों के आधिकारिक दौरे के पहले पड़ाव पर आज साइप्रस पहुंच गए हैं। साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया। मोदी इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी के बाद साइप्रस जाने वाली तीसरे प्रधानमंत्री बन गए हैं। यह 23 साल में पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला साइप्रस दौरा भी है। आइए इस दौरे के मायने समझते हैं।

दौरा

कैसे रहेगा दौरा?

विदेश मंत्रालय ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी 15-16 जून को साइप्रस की आधिकारिक यात्रा करेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री साइप्रस में व्यापार जगत से जुड़े हुए लोगों और भारतीय समुदाय से मुलाकात करेंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा, "निकोसिया में प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति क्रिस्टोडौलाइड्स से बातचीत करेंगे। ये यात्रा द्विपक्षीय संबंधों और यूरोपीय संघ के साथ भारत के जुड़ाव को मजबूत करने के लिए दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि करेगी।"

अहम

क्या है दौरे की अहमियत?

भारत-मध्य पूर्व-यूरोप कॉरिडोर (IMEC) के लिहाज से ये दौरा अहम है। साइप्रस इसका अहम हिस्सा है। इस परियोजना के जरिए भारत से यूरोप तक रेल और बंदरगाहों का नेटवर्क बनाया जाएगा। रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस एंड सिक्योरिटी स्टडीज के एसोसिएट फेलो सैमुअल रमानी ने लिखा, 'भारत साइप्रस के साथ अच्छे संबंधों को IMEC के समर्थन के रूप में देखता है। भारत इजरायल-साइप्रस से ऊर्जा एक्सट्रैक्शन की संभावना पर भी नजर रख रहा है।'

तुर्की

दौरे का क्या तुर्की से कोई संबंध है?

साइप्रस का तुर्की के साथ विवाद चल रहा है। पाकिस्तान ने हाल ही में कश्मीर मुद्दे पर 'उत्तर साइप्रस' का जिक्र किया था। तुर्की ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान पाकिस्तान का समर्थन किया था। प्रधानमंत्री के दौरे को इससे जोड़कर देखा जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय राजनीति विशेषज्ञ गोकुल साहनी ने लिखा, 'साइप्रस और ग्रीस दोनों ने आतंकवाद, कश्मीर, भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता, 1998 के परमाणु परीक्षण सहित प्रमुख मुद्दों पर भारत का समर्थन किया है।'

विवाद

तुर्की और साइप्रस में क्या विवाद है?

साइप्रस पर पहले ब्रिटेन का कब्जा था। 16 अगस्त, 1960 को साइप्रस ब्रिटेन से आजाद हुआ। 1974 में ग्रीक लड़ाकों के तख्तापलट क बाद तुर्की की सेना ने यहां हमला कर दिया था। इससे साइप्रस 2 हिस्सों में बंट गया- दक्षिणी हिस्से में ग्रीस का प्रभाव है, जबकि उत्तरी हिस्से में तुर्की का। उत्तरी हिस्से को केवल तुर्की, जबकि ग्रीक प्रभाव वाली साइप्रस सरकार को अमेरिका समेत दुनिया के कई राष्ट्र मान्यता देते हैं।