निठारी हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट ने जांच पर उठाए सवाल, बताई कोली को बरी करने की वजह
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने निठारी हत्याकांड की जांच को लेकर पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि मुख्य आरोपी सुरिंदर कोली के खिलाफ परिस्थितिजन्य साक्ष्य फोरेंसिक सबूतों से मेल नहीं खा रहे थे। कोर्ट ने ये भी कहा कि कोली का कबूलनामा भी अविश्वसनीय है, क्योंकि वह 60 से ज्यादा दिन तक बिना किसी कानूनी सहायता या मेडिकल जांच के हिरासत में रहा था। बता दें कि एक दिन पहले ही कोर्ट ने कोली को बरी किया था।
टिप्पणी
कोली का कुबूलनामा जबरन लिखवाए जाने के संकेत- कोर्ट
कोर्ट ने कहा कि जिस ट्रायल मजिस्ट्रेट ने कोली का बयान दर्ज किया, उसने संभवतः उसे प्रताड़ित किए जाने का संकेत दिया था। बयान लेते समय जांच अधिकारी की नजदीकी ने भी दबाव के संकेत दिए। बयान में भी कई बार सिखाने-पढ़ाने और दबाव का जिक्र था। कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर सहमति जताते हुए कहा कि दोषसिद्धि केवल संदेह के आधार पर नहीं हो सकती, जब कोली अन्य संबंधित मामलों में बरी हो गया है।
जांच प्रक्रिया
कोर्ट ने जांच प्रक्रिया पर उठाए कई सवाल
कोर्ट ने कहा कि सबूतों से ये स्पष्ट नहीं हो रहा कि कैसे कम पढ़ा-लिखा घरेलू सहायक, जिसके पास चिकित्सा प्रशिक्षण नहीं था, वो शवों के सटीक टुकड़े कर सकता है। कोर्ट ने कहा कि घर के बाहर मिले चाकू, कुल्हाड़ी और मानव अवशेषों का कोली से कोई संबंध नहीं है। इसके अलावा मकान में अपराध से जुड़े हुए कोई खून के धब्बे या मानव अवशेष नहीं भी नहीं मिले।
जांच
कोर्ट ने कहा- दुर्भाग्यपूर्ण है कि वास्तविक अपराधी की पहचान नहीं हुई
कोर्ट ने कहा, "यह अत्यंत खेद की बात है कि लंबी जांच के बावजूद वास्तविक अपराधी की पहचान कानूनी मानकों के अनुरूप स्थापित नहीं हो पाई है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वर्तमान मामले में लापरवाही और देरी ने तथ्य-खोज प्रक्रिया को कमजोर कर दिया और उन रास्तों को बंद कर दिया, जिनसे असली अपराधी की पहचान हो सकती थी। इस चूक ने सबूतों की विश्वसनीयता को कमजोर किया और सत्य तक पहुंचने का रास्ता संकीर्ण किया।"
बरी
कोर्ट ने कोली को कल किया था बरी
निठारी हत्याकांड में कोली के खिलाफ 13 मामले दर्ज किए गए थे। 12 में वो पहले ही बरी हो चुका है। कल यानी 11 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने उसे रिम्पा हलदाल से जुड़े 13वें मामले में भी बरी कर दिया। यानी अब कोली का जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट से 12 मामलों में बरी किए जाने के बाद कोली ने इस साल फिर सुधारात्मक याचिका दायर की थी।
मामला
क्या है निठारी हत्याकांड?
दिसंबर 2006 में नोएडा के निठारी गांव में मोनिंदर सिंह पंधेर के घर के पास नाले में कई कंकाल मिले थे। कोली पंधेर के यहां घरेलू सहायक था। मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने जांच शुरू की और कोली पर हत्या, अपहरण, बलात्कार और सबूत नष्ट करने से जुड़े 13 मुकदमे दर्ज हुए। कोली को फांसी की सजा हुई। 8 सितंबर, 2014 को फांसी वाले दिन कोर्ट ने सजा पर रोक लगा दी।