शिवसेना विवाद: NCP प्रमुख शरद पवार बोले- चुनाव आयोग का ऐसा फैसला कभी नहीं देखा
क्या है खबर?
शिवसेना के लेकर दो गुटों की लड़ाई में अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार भी कूद पड़े हैं। पवार ने चुनाव आयोग द्वारा एकनाथ शिंदे गुट को शिवसेना का एकाधिकार और चुनाव चिन्ह आवंटित करने के फैसले पर सवाल खड़े किये हैं।
उन्होंने कहा, "यह एक उदाहरण है कि कैसे एक संस्था का दुरुपयोग किया जा सकता है। हमने चुनाव आयोग का ऐसा फैसला कभी नहीं देखा।"
बयान
NCP प्रमुख ने मोदी सरकार पर साधा निशाना
NCP प्रमुख पवार ने कहा, "सभी के साथ निष्पक्ष व्यवहार करना कुछ संगठनों की जिम्मेदारी है। आज चुनाव आयोग और अन्य संस्थाएं वही फैसले दे रही हैं, जो सत्ताधारी सरकार चाहती हैं। आज देश में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में काम कर रहे संगठनों को लगता है कि सत्ता हमेशा उनके हाथ में ही रहेगी।"
उन्होंने चुनाव आयोग के शिवसेना के नाम और चुनाव चिन्ह को शिंदे गुट को देने के फैसले को राजनीतिक पार्टियों पर बड़ा हमला बताया।
बयान
उद्धव ठाकरे को आगे बढ़ने की सलाह दे चुके हैं पवार
पवार ने इससे पहले अपने सहयोगी उद्धव ठाकरे को आगे बढ़ने और एक नया चुनाव चिन्ह लेने की सलाह दी थी।
उन्होंने कहा था, "एक बार (चुनाव आयोग द्वारा) फैसला दिए जाने के बाद कोई चर्चा नहीं हो सकती। इसका (पुराने चुनाव चिह्न को खोने का) कोई खास असर नहीं होने वाला है क्योंकि लोग (नए चुनाव चिन्ह को) स्वीकार कर लेंगे। बस इतना है कि यह मामला अगले 15-20 दिनों तक ही चर्चा में रहेगा।"
मामला
क्या है पूरा मामला?
पिछले दिनों चुनाव आयोग ने शिंदे गुट के पक्ष में फैसला सुनाते हुए शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह 'तीर-कमान' उन्हें सौंप दिया था। चुनाव आयोग के इस फैसले को ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
दरअसल, जून, 2022 में शिंदे की बगावत के बाद शिवसेना उनके और उद्धव ठाकरे के दो गुटों में बंट गई थी। दोनों ही गुटों ने शिवसेना पर अपनी-अपनी दावेदारी पेश की थी और मामला चुनाव आयोग के पास पहुंच गया था।
सुप्रीम कोर्ट
चुनाव आयोग के आदेश पर कोर्ट ने रोक लगाने से किया इनकार
आज सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ ठाकरे द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई हुई और मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने आयोग के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
CJI की बेंच कहा, "चुनाव आयोग का आदेश पार्टी के चुनाव चिन्ह तक सीमित है और हम इस आदेश पर रोक लगाने नहीं लगा सकते हैं। इस मामले में यथास्थिति बनी रहेगी और कोर्ट विशेष याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार है।"
सुनवाई
याचिका में ठाकरे ने क्या कहा है?
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में ठाकरे ने कहा है कि शिंदे गुट के विधायकों की सदस्यता रद्द होने का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और इस पर फैसला हुए बिना चुनाव आयोग ने यह आदेश दिया है, इसलिए इसे रद्द किया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और चुनाव आयोग को नोटिस जारी करते हुए उनसे दो हफ्ते में जवाब मांगा है और अब मामले पर अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी।