सत्यपाल मलिक ने प्रधानमंत्री मोदी को 'घमंडी' बताया, कहा- कृषि कानूनों पर हुआ था झगड़ा
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने रविवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री मोदी को 'घमंडी' करार दिया है। हरियाणा के चरखी दादरी में एक कार्यक्रम में बोलते हुए मलिक ने कहा कि जब वो कृषि कानूनों के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से मिलने गए तो पांच मिनट में ही उनकी उनसे लड़ाई हो गई थी क्योंकि वो बहुत 'घमंड' में थे। उन्होंने आगे कहा कि अभी तक किसान आंदोलन पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है।
मलिक ने क्या कहा?
मलिक ने कहा, "मैं जब किसानों के मामले में प्रधानमंत्री जी से मिलने गया तो मेरी पांच मिनट में लड़ाई हो गई उनसे। वो बहुत घमंड में थे। जब मैंने उनसे कहा हमारे 500 लोग मर गए तो उन्होंने कहा मेरे लिए मरे हैं? मैंने कहा आपके लिए ही तो मरे थे, जो आप राजा बने हुए हो। मेरा झगड़ा हो गया। उन्होंने कहा कि अब आप अमित शाह से मिल लो। मैं अमित शाह से मिला।"
किसानों के कुछ मुद्दे अभी लंबित- मलिक
मीडियाकर्मियों ने जब उनसे कृषि कानून रद्द करने और किसानों की लंबित मांगों के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री ने जितना कहा, वो उससे ज्यादा क्या कह सकते थे? हमें (किसानों) को अपने हक में फैसला करवाना चाहिए। सबकुछ बिगाड़ देने की बजाय हमें उनकी मदद से MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की कानूनी गारंटी लेनी चाहिए।" उन्होंने कहा कि अभी किसानों के खिलाफ दर्ज मामले समेत कुछ मुद्दे लंबित है। सरकार को ईमानदारी दिखाकर मामले वापस लेने चाहिए।
"आंदोलन अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ"
मेघालय के राज्यपाल ने कहा कि अभी किसान आंदोलन खत्म नहीं हुआ है केवल निलंबित किया गया है। अगर किसानों के खिलाफ अत्याचार या अन्याय होता है तो यह दोबारा शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि वो हर स्थिति में किसानों के साथ हैं।
प्रधानमंत्री ने की थी कृषि कानून रद्द करने की घोषणा
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 19 नवंबर को कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था। इस दौरान उन्होंने किसानों और देश से माफी भी मांगी थी। प्रधानमंत्री के ऐलान के बाद 29 नवंबर को संसद में कानूनों की वापसी का विधेयक पारित हुआ था और 1 दिसंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसे मंजूरी दे दी, जिसके बाद तीनों कृषि कानून निरस्त हो गए।
किसानों के समर्थन में मुखर रहे हैं सत्यपाल मलिक
उत्तर प्रदेश से संबंध रखने वाले सत्यपाल मलिक कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की शुरुआत से ही किसानों के समर्थन में रहे हैं। कानून वापसी से पहले अक्टूबर में उन्होंने कहा था कि अगर भाजपा किसानों की मांग नहीं मानती है तो वो वापस सत्ता में नहीं लौट पाएगी। उन्होंने करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मांफी मांगने की भी अपील की थी।