मणिपुर: सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से मांगी रिपोर्ट, पूछा- हिंसा रोकने के लिए क्या कदम उठाए
क्या है खबर?
मणिपुर हिंसा को लेकर दायर हुई याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार से 7 दिनों के भीतर स्टेटस रिपोर्ट मांगी है।
कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि हिंसा को रोकने के लिए उन्होंने क्या कदम उठाए। मामले में अगली सुनवाई अब 10 जुलाई को होगी।
इस बीच मणिपुर में रविवार को भी हिंसा भड़क उठी। बिष्णुपुर-चुराचांदपुर सीमा पर हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई।
जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने 3 बिंदुओं पर मांगा जवाब
कोर्ट ने राज्य सरकार से 3 मुख्य बिंदुओं को लेकर जवाब मांगा है। कोर्ट ने मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हो रही हिंसा को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी।
बेघर और हिंसा प्रभावित लोगों को दोबारा बसाने, सुरक्षाबलों की तैनाती और कानून व्यवस्था की स्थिति पर भी जानकारी मांगी गई है।
मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने सुनवाई की।
सरकार
सरकार बोली- हालात अब सुधर रहे
कोर्ट में केंद्र और मणिपुर सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि स्थिति अब धीरे-धीरे ठीक हो रही है।
उन्होंने कहा, "कर्फ्यू की अवधि अब 24 घंटे से घटाकर 5 घंटे कर दी गई है। मणिपुर में पुलिस, इंडियन रिजर्व बटालियन और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की 114 कंपनियां भी तैनात हैं।"
उन्होंने कुकी समूहों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कॉलिन गोंजाल्वेज को मामले को 'सांप्रदायिक रंग' न देने की अपील की।
हिंसा
रविवार को हिंसा में 4 की मौत
रविवार सुबह बिष्णुपुर-चुराचांदपुर सीमा पर हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि हिंसा में 3 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई और 1 का सिर काट दिया गया।
इससे पहले शनिवार रात को इंफाल से लगभग 70 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में रात भर चली गोलीबारी की खबरें आईं, जिनमें 5 लोगों के घायल होने और 3 लोगों के मारे जाने की सूचना है।
कुकी
कुकी संगठनों ने 2 महीने बाद राष्ट्रीय राजमार्ग खोला
मणिपुर में हिंसा के बीच एक राहत भरी खबर भी है। 2 महीने बाद कुकी संगठनों ने राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-2) से धरना वापस ले लिया और नाकेबंदी हटा दी है।
यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (UPF) और कुकी नेशनल आर्गनाइजेशन (KNO) ने एक संयुक्त बयान जारी कर नाकेबंदी हटाने की जानकारी दी। संगठनों ने बयान में कहा कि अवरोधक हटा लिए गए हैं। इसे गृह मंत्री अमित शाह के शांति प्रयासों के परिणाम के तौर पर देखा जा रहा है।
मौत
हिंसा में अब तक 120 से ज्यादा लोगों की मौत
मणिपुर में बीती 3 मई से हिंसा जारी है। तब मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में आदिवासी एकजुटता मार्च आयोजित किया गया था। इस दौरान हिंसा भड़क उठी, जिसने पूरे मणिपुर को चपेट में ले लिया।
राज्य में अब तक 120 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। और 400 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। करीब 65,000 से ज्यादा लोगों को घर छोड़ना पड़ा है।