महाराष्ट्र: डॉक्टर आत्महत्या मामले में सांसद का नाम भी आया, ये बड़े खुलासे भी हुए
क्या है खबर?
महाराष्ट्र के सतारा में 28 वर्षीय डॉक्टर की आत्महत्या के मामले में कई बड़े खुलासे हुए हैं। डॉक्टर ने अपनी हथेली पर सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें एक पुलिसवाले पर रेप-प्रताड़ना और सॉफ्टवेयर इंजीनियर पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया था। अब एक पत्र सामने आया है, जिसमें एक सांसद और उनके निजी सचिव का जिक्र है। हालांकि, सांसद और उसके सचिव का नाम नहीं लिखा है। इसके अलावा मृतका के परिजनों ने भी कई आरोप लगाए हैं।
पत्र
आरोपियों के लिए फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने का था दबाव
NDTV के मुताबिक, डॉक्टर ने अधिकारियों को लिखे पत्र में डॉक्टर ने कहा है कि उन्हें आरोपियों को 'फिट' (स्वस्थ) प्रमाणपत्र देने के लिए पुलिस अधिकारियों द्वारा दबाव डाला जा रहा था। उन्होंने बताया कि 31 जुलाई की रात फल्टन पुलिस एक आरोपी का फिटनेस टेस्ट कराने लेकर आई। आरोपी अस्वस्थ था, इसके बावजूद पुलिस ने 'फिट' रिपोर्ट देने का दबाव बनाया। इसके बाद एक सांसद से फोन पर बात करवाई गई।
बातचीत
डॉक्टर ने पुलिस पर लगाया लापरवाही बरतने का आरोप
डॉक्टर ने आगे बताया कि सांसद ने उनसे कहा, "पुलिस की शिकायत है कि आप बीड जिले से हैं, इसलिए सतारा जिले के आरोपियों को 'फिट' सर्टिफिकेट नहीं देती।" इस पर डॉक्टर ने कहा कि मेरी जान पर खतरे की जवाबदेही किसकी होगी, तो सांसद ने फोन काट दिया! डॉक्टर ने कहा कि इसके बाद उन्होंने डिप्टी SP को फोन कर घटनाक्रम बताया। उन्होंने आश्वासन दिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
कार्रवाई
आरोपी SI सस्पेंड, 2 पर FIR दर्ज
पुलिस ने आरोपी SI गोपाल बदाने और सॉफ्टवेयर इंजीनियर बांकर के खिलाफ बलात्कार और आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है। बांकर को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आदेश पर SI गोपाल को नौकरी से सस्पेंड कर दिया गया है। गोपाल पर डॉक्टर ने 4 बार बलात्कार करने का आरोप लगाया था। महिला डॉक्टर दूसरे आरोपी बांकर के पिता के मकान में किराए से रहती थी।
परिजन
परिजन बोले- 2-3 बार शिकायत की लेकिन कार्रवाई नहीं हुई
डॉक्टर के परिजनों ने कहा कि उस पर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट बदलने और गिरफ्तार आरोपियों की मेडिकल रिपोर्ट में हेरफेर का दबाव डाला जा रहा था। परिजनों ने बताया कि उन्हें बिना मरीज की मौजूदगी के भी फिटनेस और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया। परिजनों का आरोप है कि पहले भी 2-3 बार शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। परिजनों ने आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी और उनके लिए कड़ी सजा की मांग की है।
राजनीति
मामले पर राजनीति भी तेज
घटना के बाद विपक्ष ने सरकार पर महिलाओं की सुरक्षा में नाकामी का आरोप लगाया। शिवसेना (UBT) नेता आनंद दुबे ने कहा कि यह बेहद शर्मनाक घटना है और दोषी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर जेल भेजा जाए। कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा कि ऐसे अधिकारी महाराष्ट्र पुलिस में रहने लायक नहीं हैं और घटना कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। राज्य महिला आयोग ने भी मामले का संज्ञान लेते हुए जांच के लिए टीम गठित की है।