देश में शिशु और पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर में गिरावट
क्या है खबर?
देश में शिशु मृत्यु दर (IMR) और पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर (U5MR) में सुधार हुआ है।
गुरूवार को जारी की गई भारतीय रजिस्ट्रार जनरल की SRS सांख्यिकीय रिपोर्ट के अनुसार, 2019 से 2020 के बीच जहां शिशुओं की मृत्यु दर में 6.7 प्रतिशत की गिरावट हुई, वहीं पांच साल तक की उम्र के बच्चों की मृत्यु दर में 8.6 प्रतिशत की कमी हुई।
शहरों के मुकाबले ग्रामीण इलाकों में मृत्यु दर ज्यादा है।
शिशु मृत्यु दर
शिशु मृत्यु दर की क्या स्थिति रही?
रिजस्ट्रार जनरल की रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में जहां 1,000 बच्चों के जन्म पर औसतन 30 शिशुओं की मौत हुई, वहीं 2020 में ये आंकड़ा घटकर 28 मौतों पर आ गया।
शहरी इलाकों में प्रति 1,000 जन्मों पर 19 शिशुओं की मौत हुई, वहीं ग्रामीण इलाकों में 31 शिशुओं की मौत हुई।
मध्य प्रदेश में शिशु मृत्यु दर सबसे अधिक रही और यहां 1,000 जन्मों पर 43 शिशुओं की मौत हुई। केरल (छह मौत) में ये आंकड़ा सबसे कम रहा।
U5MR
पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर के क्या आंकड़े हैं?
U5MR की बात करें तो 2019 में प्रति 1,000 जन्मों पर 35 बच्चों की मौत पांच साल की उम्र से पहले हो गई, वहीं 2020 में ये आंकड़ा 8.6 प्रतिशत घटकर 31 मौतों पर आ गया।
2020 में ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति 1,000 जन्मों पर पांच साल से कम उम्र के 36 बच्चों की मौत हुई, वहीं शहरी इलाकों में 21 मौतें हुईं।
रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में U5MR में सबसे अधिक गिरावट देखने को मिली है।
पुराने आंकड़े
2015 में प्रति 1,000 जन्मों पर हो रही थी 37 शिशुओं की मौत
रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में 28 के मुकाबले 2015 में देश में प्रति 1,000 जन्मों पर 37 शिशुओं की मौत हो रही थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस गिरावट के बावजूद राष्ट्रीय स्तर पर प्रत्येक 35 शिशुओं में से एक, ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक 32 शिशुओं में से एक और शहरी क्षेत्रों में प्रत्येक 52 शिशुओं में से एक शिशु की जन्म के एक साल के अंदर ही मौत हो रही है।
बयान
सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहे- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने रिपोर्ट पर कहा कि देश में 2014 से ही IMG और U5MR में कमी हो रही है और वह 2030 के लिए रखे गए सतत विकास लक्ष्यों (SDG) को पूरा करने की तरफ आगे बढ़ रहा है। 11 राज्य तो पहले ही U5MR के SDG टारगेट की प्राप्ति कर चुके हैं।
उन्होंने मृत्यु दर को कम करने की दिशा में लगातार कार्य करने के लिए सभी स्वास्थ्यकर्मियों और केयरगिवर्स का शुक्रिया अदा किया।
लिंग अनुपात
न्यूजबाइट्स प्लस
SRS रिपोर्ट के अनुसार, देश में लिंग अनुपात में मामूली वृद्धि दर्ज की गई है। 2017-19 में 904 के मुकाबले 2018-20 में यह बढ़कर 907 हो गया। प्रति 1,000 पुरुषों पर महिलाओं की संख्या को लिंग अनुपात कहा जाता है।
केरल (974) में लिंग अनुपात सबसे अधिक है, वहीं उत्तराखंड (844) में सबसे कम है।
देश में प्रजनन दर भी कम 2019 में 2.1 से कम होकर 2020 में 2.0 पर आ गई है।