डोनाल्ड ट्रंप के प्रतिबंधों का असर? भारतीय रिफाइनरियां ने रोका रूस से तेल का नया ऑर्डर
क्या है खबर?
अमेरिका और यूरोपीय संघ (EU) द्वारा रूसी तेल कंपनियों पर नए प्रतिबंध लगाने के बाद से भारतीय तेल रिफाइनरियों ने भी रूस से कच्चे तेल के नए ऑर्डर रोक दिए हैं। रॉयटर्स के मुताबिक, रिफाइनरियां सरकार और आपूर्तिकर्ताओं से स्पष्टता का इंतजार कर रही हैं। हालांकि, इस बीच अपनी अल्पकालिक कच्चे तेल की जरूरत पूरा करने के लिए कुछ रिफाइनरी हाजिर बाजार का रुख कर रही हैं। हाजिर बाजार में वस्तुओं का आदान-प्रदान और सौदा निपटान तुरंत होता है।
सौदा
सरकारी कंपनी ने नई निविदा जारी की
सरकारी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) ने तेल की खरीद के लिए नई निविदा जारी की है, जबकि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने हाजिर बाजारों से खरीदारी बढ़ा दी है। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के अनुसार, भारत ने 2025 के पहले 9 महीनों के दौरान प्रतिदिन 1.9 मिलियन बैरल तेल खरीदा है, जो रूस के कुल निर्यात का 40 प्रतिशत है। हालांकि, कम आपूर्ति और घटती छूट ने प्रवाह घटा दिया है। अप्रैल-सितंबर के बीच, भारत का रूसी तेल आयात 8.4 प्रतिशत गिरा है।
प्रतिबंध
अमेरिका ने लगाया है 2 रूसी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध
अमेरिका ने रूस की 2 सबसे बड़ी तेल कंपनियों पर सख्त प्रतिबंध लगाया है, जिसमें रोसनेफ्ट ऑयल कंपनी (रोसनेफ्ट) और लुकोइल शामिल है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का आरोप है कि दोनों कंपनियां क्रेमलिन की युद्ध मशीन को वित्त पोषित करती है। इसी प्रतिबंध से भारतीय रिफाइनरी प्रभावित हुई हैं। रिफाइनरियों ने मध्य पूर्व और अमेरिका से खरीदारी बढ़ा दी है। हाल में EU ने रूस से संबंध के कारण भारत की 3 कंपनियों समेत 45 कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है।