अरब सागर में जहाजों पर हमले के बाद नौसेना अलर्ट पर, 5 विध्वसंक जहाज तैनात किए
क्या है खबर?
अरब सागर में व्यापारिक जहाजों पर हो रहे हमलों के बीच भारतीय नौसेना ने बड़ा कदम उठाया है।
सेना ने बाब अल-मंदेब से भारतीय तट के बीच समुद्री मार्गों को सुरक्षित रखने के लिए लॉजिस्टिक टैंकर, पनडुब्बी रोधी युद्धक विमान बोइंग P8I, सी गार्डियन ड्रोन और 5 मिसाइल विध्वंसक युद्धपोत तैनात किए हैं।
इससे पहले भी भारत ने मध्य-पूर्व क्षेत्र में INS कोलकाता, कोच्चि, मोर्मुगाओ, चेन्नई और विशाखापत्तनम को तैनात किया था।
तैनाती
कहां-कहां तैनात किए गए युद्धपोत?
ऐसा माना जा रहा है कि INS कोलकाता को लाल सागर के मुहाने पर, INS कोच्चि को यमन के सोकोट्रा द्वीप के दक्षिण पर, INS मोर्मुगाओ को पश्चिम अरब सागर पर, INS विशाखापत्तनम को उत्तरी अरब सागर पर और INS चेन्नई को मध्य अरब सागर में तैनात किया गया है।
इन पांचों जहाजों को ईंधन आपूर्ति के लिए MV स्वर्णमाला को तैनात किया गया है, जो एक बार में 25,000 टन तेल साथ ले जा सकता है।
निगरानी
अरब सागर में सख्त निगरानी रख रही नौसेना
नौसेना निगरानी विमान और ड्रोन के जरिए लगातार अरब सागर में नजर बनाए हुए है, ताकि किसी भी संदिग्ध जहाज की पहचान की जा सके।
26 दिसंबर को नौसेना ने बताया था कि हाल की घटनाओं के मद्देनजर इस क्षेत्र में समद्री सुरक्षा अभियान शुरू किया गया है।
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी एक कार्यक्रम में कहा था कि जहाज पर हमलों के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
हमला
भारत आ रहे जहाज पर हुआ था ड्रोन हमला
बीते हफ्ते सऊदी अरब से भारत आ रहे एक मालवाहक जहाज केम प्लूटो पर ड्रोन हमला हुआ था। पोरबंदर से लगभग 217 समुद्री मील की दूरी पर अज्ञात ड्रोन के जरिए विमान को निशाना बनाया गया था।
कच्चा तेल ला रहे एक दूसरे जहाज एमवी साई बाबा पर दक्षिणी लाल सागर में ड्रोन हमला हुआ था। दोनों ही घटनाओं में कोई घायल नहीं हुआ था, लेकिन जहाजों को क्षति पहुंची थी।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
अरब सागर और लाल सागर में जहाजों पर हमले के पीछे हूती विद्रोहियों का हाथ माना जा रहा है। हूती यमन के अल्पसंख्यक शिया समुदाय का एक हथियारबंद समूह है।
इस समूह का नाम इसके संस्थापक हुसैन अल हूती के नाम पर पड़ा है।
2015 के बाद से हूती यमन में काफी मजबूत हुए हैं और वर्तमान में यमन के तट से लेकर बड़े हिस्से पर हूतियों का कब्जा है।