भारत 26 अक्टूबर से कनाडा में आंशिक तौर पर शुरू करेगा वीजा सेवाएं
भारत कल 26 अक्टूबर से कनाडा में अपनी वीजा सेवाओं को आंशिक तौर पर शुरू कर देगा। दोनों देशों के बीच विवाद के बीच भारत ने पिछले महीने कनाडा में अपनी सभी वीजा सेवाओं को निलंबित कर दिया था। कनाडा स्थित भारतीय दूतावास के बयान के अनुसार, प्रवेश वीजा, बिजनेस वीजा, मेडिकल वीजा और कॉन्फ्रेंस वीजा से संबंधित सेवाओं को शुरू किया जाएगा। दूतावास ने कहा कि परिस्थितियों का जायजा लेते हुए आगे के फैसले लिए जाएंगे।
भारत ने 21 सितंबर को निलंबित की थीं वीजा सेवाएं
बता दें कि भारत ने 21 सितंबर को कनाडा में अपनी सभी वीजा सेवाएं निलंबित की थीं। भारत सरकार ने इसके पीछे अपने दूतावास कर्मचारियों और राजनयिकों की सुरक्षा को खतरे को जिम्मेदार ठहराया था। विदेश मंत्रालय ने कहा था कि कनाडा में भारतीय दूतावास और वाणिज्य दूतावास की सुरक्षा को खतरा है और इसके कारण वे वीजा आवेदनों पर काम करने में असमर्थ हैं। खालिस्तानियों की भारतीय राजनयिकों को धमकी के कारण ये सुरक्षा खतरा पैदा हुआ था।
भारत और कनाडा के बीच खालिस्तानी आतंकी की हत्या को लेकर विवाद
बता दें कि भारत और कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर ही हत्या को लेकर विवाद चल रहा है। खालिस्तानी टाइगर फोर्स (KTF) प्रमुख निज्जर की 19 जून को वैंकूवर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या में भारत के एजेंट्स का हाथ होने का आरोप लगाया है और सितंबर में उनके ये आरोप लगाने के बाद से ही दोनों देशों के संबंध बेहद खराब हैं।
भारत का आरोपों पर क्या कहना है?
भारत सरकार ने कनाडा के आरोपों को बेतुका बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया था। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा था, "इस तरह के निराधार आरोप खालिस्तानी आतंकवादियों और चरमपंथियों से ध्यान भटकाने के लिए हैं, जिन्हें कनाडा में आश्रय दिया गया है और वे भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरा बने हुए हैं।" उसने कहा, "इन मामलों में भारत के लिए कनाडाई सरकार की निष्क्रियता लंबे समय से चिंता का विषय रही है।"
विवाद में अब तक क्या-क्या हुआ?
ट्रूडो के बयान के बाद सबसे पहले कनाडा ने भारत के एक राजनयिक को निष्कासित किया था। इसके जवाब में भारत ने भी एक कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया। इसके बाद भारत ने कनाडा में अपनी वीजा सेवाएं निलंबित कर दीं और कनाडा से भारत से अपने "अतिरिक्त" राजनयिक वापस बुलाने को कहा। इसी 20 अक्टूबर को कनाडा ने अपने 41 राजनयिकों को वापस बुला लिया, जिससे भारत में उसके 3 वाणिज्य दूतावासों में काम बंद हो गया है।
न्यूजबाइट्स प्लस
भारत और कनाडा के संबंधों में 'खालिस्तान आंदोलन' एक पुराना नासूर है। खालिस्तान का समर्थन करने वाले कई वांछित नेता यहां छिप कर बैठे हैं। ट्रूडो के सत्ता में आने के बाद से यहां भारत विरोधी गतिविधियों में इजाफा हुआ है क्योंकि सरकार सिखों को वोटबैंक के रूप में देखती है और खालिस्तानी आतंकियों पर कार्रवाई से बचती है। भारत का आरोप है कि ट्रूडो की सरकार इन आतंकियों के प्रर्त्यपण के कई अनुरोधों को ठुकरा चुकी है।