अरुणाचल प्रदेश के 3 और नागालैंड के 8 जिले अशांत घोषित, अफस्पा के तहत सख्ती बढ़ी
केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर राज्यों में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के बाद नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश के जिलों को अशांत घोषित करते हुए सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (AFSPA) को बढ़ा दिया है। गृह मंत्रालय ने बुधवार शाम एक अधिसूचना में कहा कि केंद्र ने अफस्पा, 1958 की धारा 3 की शक्तियों का उपयोग कर नागालैंड के 8 जिलों और 5 अन्य जिलों के 21 पुलिस स्टेशनों को 6 महीने तक अशांत क्षेत्र घोषित किया है।
दोनों राज्यों के किन-किन जिलों में रहेगी सख्ती
अधिसूचना के मुताबिक, नागालैंड के जिन जिलों में अफस्पा दोबारा लागू किया गया है वे दीमापुर, निउलैंड, चुमाउकेदिमा, मोन, किफिर, नोकलाक, फेक और पेरेन हैं। एक अलग अधिसूचना में गृह मंत्रालय ने अरुणाचल के तिरप, चांगलांग, लोंगडिंग जिलों और असम की सीमा से लगे अरुणाचल प्रदेश के नामसाई जिले के नामसाई, महादेवपुर और चौखाम पुलिस थानों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों को अशांत क्षेत्र घोषित किया है। आदेश वापस लेने तक यहां अफस्पा के तहत सख्ती रहेगी।
क्या है अफस्पा कानून?
अफस्पा को ब्रिटिश सरकार ने क्रांतिकारियों के आंदोलनों को कुचलने के लिए लागू किया था। इसके तहत सैन्य बलों को विशेष अधिकार दिए गए। 1958 में एक अध्यादेश के जरिए अफस्पा के वर्तमान स्वरूप को लाया गया, जो संसद की स्वीकृति के बाद सितंबर, 1958 से कानून के तौर पर लागू हुआ। अफस्पा लागू होने पर अशांत क्षेत्रों में कार्यरत सशस्त्र बलों को तलाशी लेने, गिरफ्तार करने और गोलीबारी करने के व्यापक अधिकार मिल जाते हैं।