भड़काऊ भाषण: हिंदू संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिकाएं, कहा- मुस्लिमों को गिरफ्तार करो
दो हिंदू दक्षिणपंथी समूहों ने हरिद्वार की धर्म संसद में भड़काऊ भाषणों के खिलाफ दायर की गई याचिका के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की हैं। अपनी इन याचिकाओं में उन्होंने कोर्ट से उन्हें मामले में पक्षकार बनाने की अपील की है। उन्होंने ये भी कहा है कि भड़काऊ भाषण हिंदुओं के खिलाफ भी दिए जाते हैं और ऐसे बयान देने वाले मुस्लिमों को गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने हिंदुओं के खिलाफ भड़काऊ भाषण के 25 मामले गिनाए भी हैं।
हिंदू संस्कृति पर गैर-हिंदुओं के हमले की प्रतिक्रिया में दिए गए भाषण- हिंदू सेना
हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि धर्म संसद में धार्मिक नेताओं द्वारा दिए गए बयान हिंदू संस्कृति पर गैर-हिंदुओं के हमले की प्रतिक्रिया में दिए गए थे और इन्हें भड़काऊ भाषण नहीं कहा जा सकता। इसमें कहा गया है, "हिंदुओं के आध्यात्मिक नेताओं को बदनाम करने के प्रयास किए जा रहे हैं... याचिकाकर्ता मुस्लिम समुदाय से है और वो हिंदू धर्म संसद की गतिविधियों पर आपत्ति नहीं जता सकता।"
ओवैसी और वारिस पठान आदि को गिरफ्तार करने की मांग
विष्णु ने अपनी याचिका में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और वारिस पठान जैसे अन्य मुस्लिमों नेताओं पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप भी लगाया है और उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की है।
हिंदुओं के खिलाफ भड़काऊ भाषणों पर भी सुनवाई करे कोर्ट- दूसरी याचिका
दूसरी याचिका 'हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस' ने दायर की है। इसमें कहा गया है कि चूंकि सुप्रीम कोर्ट मुस्लिमों के खिलाफ भड़काऊ बयानों पर सुनवाई कर रही है, उसे हिंदुओं के खिलाफ दिए गए भड़काऊ बयानों पर भी सुनवाई करनी चाहिए। संगठन ने अपनी याचिका में ऐसी 25 घटनाओं का जिक्र भी किया है जहां हिंदुओं के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिए गए और इन मामलों में कार्रवाई की मांग की है।
क्या है 'धर्म संसद' का मामला?
हरिद्वार में 17-19 दिसंबर को हुई 'धर्म संसद' में संतों ने भड़काऊ बयान दिए थे और मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा के लिए उकसाया था। इसमें अन्नपूर्णा मां ने कहा था, "अगर इनकी जनसंख्या को खत्म करना है तो मारने को तैयार रहो। हम 100 ने इनके 20 लाख को भी मार दिया तो हम विजयी हैं।" यति नरसिंहानंद इस 'धर्म संसद' के आयोजनकर्ताओं में से एक हैं और उन्होंने भी इसमें नफरत भरा भाषण दिया था।
पत्रकार और पूर्व जज ने दायर की हैं भड़काऊ भाषणों के खिलाफ याचिका
धर्म संसद में दिए गए इन भड़काऊ भाषणों के खिलाफ पत्रकार कुरबान अली और पटना हाई कोर्ट की पूर्व जज अंजना प्रकाश ने सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की हैं। मामले में सुप्रीम कोर्ट उत्तराखंड और दिल्ली की सरकारों को नोटिस भी जारी कर चुकी है। यति नरसिंहानंद समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और एक विशेष जांच दल (SIT) कर रहा है जिसका प्रमुख पुलिस अधीक्षक रैंक का अधिकारी है।
पूर्व सैन्य प्रमुखों ने लिखा था राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र
मामले में पांच पूर्व सैन्य प्रमुखों, कई नौकरशाहों और दूसरी कई सम्मानित हस्तियों ने भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस तरह के मामलों का संज्ञान लेने को भी कहा था। इसमें कहा गया था कि इससे आपसी भाईचारा खराब होगा और बाहरी ताकतें इसका फायदा उठा सकती हैं। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के 76 वकीलों ने भी मामले में मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमन्ना को पत्र लिखा था।