हाथरस हादसा: सत्संग आयोजित करने वाले मुख्य आरोपी देवप्रकाश की नौकरी गई
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि का सत्संग आयोजित करने वाले मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर को नौकरी से हटा दिया गया है।
हिंदुस्तान के मुताबिक, मधुकर एटा जिले के शीतलपुर ब्लॉक में तकनीकी सहायक के पद पर संविदा पर तैनात थे। उनकी संविदा समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
वह 2010 से अनुबंध पर यहां तैनात हैं और 20 पंचायतों में मनरेगा से जुड़े कामकाज की देखरेख कर रहे हैं।
नौकरी
मधुकर की पत्नी हैं पंचायत सहायक
शीतलपुर के खंड विकास अधिकारी (BDO) दिनेश शर्मा ने बताया कि मधुकर के मुख्य आरोपी बनने और पुलिस द्वारा इनाम घोषित करने के बाद नौकरी समाप्ति की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
मधुकर मनरेगा के तहत कराए गए विकास कार्यों के निरीक्षण कर बिल और वाउचर तैयार करते थे। उनकी पत्नी पंचायत सहायक हैं। दोनों हाथरस के सिकंदराराऊ कस्बे में रहते हैं।
मधुकर प्रधान का चुनाव हार चुके हैं। उनके गांव से 30 लोग सत्संग में शामिल हुए थे।
फरार
घटना के बाद से फरार है मधुकर
गुरुवार को अलीगढ़ के पुलिस महानिरीक्षक शलभ माथुर ने बताया था कि सत्संग का प्रभारी देवप्रकाश मधुकर (इंजीनियर) ने सत्संग की अनुमति मांगी थी।
हाथरस पुलिस द्वारा नामजद प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से वह फरार है। वह मुख्य आरोपी है। पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी पर 1 लाख रुपये का इनाम रखा है।
मधुकर के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया है और टीमें उनकी तलाश कर रही हैं। मधुकर ने काफी लोगों को भोले बाबा से जोड़ा था।
हादसा
हादसे में 123 लोगों की हुई है मौत
मंगलवार को हाथरस के सिकंदराराऊ में भोले बाबा के सत्संग के समापन पर बाहर निकलते समय भगदड़ मच गई।
चश्मदीदों ने बताया कि सत्संग के बाद श्रद्धालु बाबा के काफिले के पीछे उनके चरणों की धूल लेने के लिए दौड़े। इस दौरान आयोजकों की लापरवाही से भगदड़ मची और कुचलने से 123 लोगों की मौत हो गई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की जांच के लिए हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में टीम गठित की है।
गिरफ्तारी
पुलिस ने अब तक 6 लोगों को किया है गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाथरस मामले में अब तक 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। ये सभी आयोजन समिति के सदस्य बताए जा रहे हैं।
इनमें राम लड़ैते, उपेंद्र सिंह यादव, नेक सिंह, मंजू यादव, मुकेश कुमार और मंजू देवी शामिल हैं। इनके पास सत्संग के आयोजन, भीड़ नियंत्रण, पार्किंग और व्यवस्था की जिम्मेदारी थी।
पुलिस ने मधुकर समेत सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा-105, 110, 126(2), 223 और 238 के अंतर्गत मामला दर्ज किया है।