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#NewsBytesExplainer: हवाई अड्डे, बंदरगाह और अस्पताल; मालदीव में किन-किन परियोजनाओं में शामिल है भारत?
प्रधानमंत्री मोदी मालदीव के दौरे पर हैं

#NewsBytesExplainer: हवाई अड्डे, बंदरगाह और अस्पताल; मालदीव में किन-किन परियोजनाओं में शामिल है भारत?

लेखन आबिद खान
Jul 25, 2025
02:04 pm

क्या है खबर?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 दिवसीय मालदीव यात्रा पर हैं। वे आज राजधानी माले पहुंचे, जहां मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मह मुइज्जू और अन्य मंत्रियों ने उनका स्वागत किया। ये यात्रा ऐसे वक्त हो रही है, जब बीते कुछ सालों में दोनों देशों में तनाव बढ़ा है। हालांकि, अतीत में भारत और मालदीव के रिश्ते बेहद करीबी रहे हैं। इस बीच आइए जानते हैं कि भारत ने कैसे-कैसे मालदीव की मदद की है।

हवाई अड्डे

हवाई अड्डों के निर्माण में शामिल है भारत

पर्यटन मालदीव की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद अहम है। इसी को बढ़ाने के लिए भारत ने मालदीव में कई हवाई अड्डों के निर्माण में सहायता की है। भारत ने हनीमाधू हवाई अड्डा बनाने में मालदीव की मदद की है। ये भारत द्वारा मालदीव को दी गई 6,926 करोड़ रुपये की रियायती ऋण सहायता के तहत वित्त पोषित किया गया है। भारत गण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की पुनर्विकास परियोजना में भी शामिल रहा है।

जलापूर्ति

जल आपूर्ति परियोजनाओं पर भी काम कर रहा भारत

भारत मालदीव के 34 द्वीपों में जल आपूर्ति और सीवरेज नेटवर्क विकसित कर रहा है। इसके जरिए इन द्वीपों पर जल आपूर्ति और सीवरेज सुविधाओं को बेहतर बनाना है। इस परियोजना से 35,000 लोगों को सीधे लाभ मिलने की उम्मीद है, जिन्हें हर मौसम में लगातार और सुरक्षित जल आपूर्ति की जाएगी। इसके अलावा आसपास के द्वीपों पर रह रहे लोगों को भी गर्मी के मौसम में पानी की आपूर्ति होगी।

बंदरगाह

बंदरगाह का विकास भी कर रहा है भारत

भारत मालदीव में गुलहिफाल्हू बंदरगाह के विकास में लगा हुआ है, जिस पर करीब 3,463 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं। भारत यहां एक कंटेनर टर्मिनल, सामान्य कार्गो टर्मिनल, बंदरगाह सेवा घाट, एक गोदाम और एक प्रशासनिक क्षेत्र का निर्माण कर रहा है। यह परियोजना 2026 तक पूरी होने की उम्मीद है। पूरी तरह से बनने के बाद ये बंदरगाह एक साथ 4 लाख 22 फुट कंटेनरों को संभाल सकेगा। इससे माले स्थित मुख्य बंदरगाह पर दबाव कम होगा।

द्वीप संपर्क परियोजना 

द्वीप संपर्क परियोजना में भी शामिल है भारत

भारत मालदीव के साथ ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट (GMCP) पर काम कर रहा है। अगस्त 2022 में मालदीव के तत्कालीन राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सालिह और प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी शुरुआत की थी। भारत द्वारा वित्त पोषित ये परियोजना मालदीव की सबसे बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजना है। इसके तहत राजधानी माले को विलिंगली, गुलहिफाल्हू और थिलाफुशी के नजदीकी द्वीपों से जोड़ने के लिए 6.74 किलोमीटर लंबे पुल बनाए जाने हैं।

अस्पताल

भारत बना रहा कैंसर अस्पताल और स्टेडियम

भारत मालदीव के हुलहुमाले द्वीप पर 100 बिस्तरों वाला कैंसर अस्पताल बना रहा है। 2020 में इसकी घोषणा की गई थी। 2018 तक मालदीव में कैंसर मरीजों का इलाज भारत के डॉक्टर करते थे। वहां के कई कैंसर मरीज इलाज के लिए भारत भी आते हैं। भारत हुलहुमाले में ही एक आधुनिक क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण भी कर रहा है। आधुनिक तकनीक से लैस इस स्टेडियम में एक साथ 22,000 दर्शक मैच का लुत्फ उठा सकेंगे।

बजट

हाल ही में भारत ने दी थी 432 करोड़ रुपये की मदद

भारत ने 2024-25 के सालाना बजट में 'पड़ोसी पहले की नीति' के तहत पड़ोसी देशों के लिए 5,667 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। इसमें 400 करोड़ रुपये मालदीव के लिए थे। सरकार ने कहा था कि यह धनराशि केंद्रीय क्षेत्र की परियोजनाओं पर खर्च की जाएगी। इसी साल मई में भारत ने मालदीव सरकार के अनुरोध पर एक और वर्ष के लिए 432 करोड़ रुपये के ट्रेजरी बिल के रूप में मालदीव सरकार को बजट सहायता दी थी।

संबंध

भारत-मालदीव रिश्तों में आ गई थी खटास 

चीन समर्थक मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के 2023 में पदभार ग्रहण करने के बाद भारत-मालदीव के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए थे। मुइज्जू ने मालदीव से 88 भारतीय सैन्य कर्मियों को हटाने की मांग की थी और वापस भेजा था। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी की लक्षद्वीप यात्रा पर मालदीव के 3 मंत्रियों ने सवाल उठाते हुए अपमानजनक टिप्पणी की थी। तब नई दिल्ली ने मालदीव राजदूत को तलब किया था। मालदीव ने तीनों मंत्रियों को निलंबित कर दिया था।