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मुंबई से पकड़ा गया फर्जी वैज्ञानिक ईरान को बेचना चाहता था परमाणु प्लान- रिपोर्ट
मुंबई से गिरफ्तार फर्जी BARC वैज्ञानिक मामले में कई खुलासे हुए हैं (प्रतीकात्मक तस्वीर)

मुंबई से पकड़ा गया फर्जी वैज्ञानिक ईरान को बेचना चाहता था परमाणु प्लान- रिपोर्ट

लेखन आबिद खान
Nov 05, 2025
06:46 pm

क्या है खबर?

मुंबई पुलिस द्वारा पकड़े गए भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (BARC) के फर्जी वैज्ञानिक मामले में नया खुलासा हुआ है। पता चला है कि गिरफ्तार किया गया अख्तर हुसैनी कुतुबुद्दीन अहमद अपने भाई के साथ मिलकर परमाणु डिजाइन और रिएक्टर तकनीक बेचने की कोशिश कर रहा था। इसके लिए उसने VPN और अन्य एन्क्रिप्टेड नेटवर्क का इस्तेमाल किया था। पूछताछ में ये भी पता चला कि उसने तकनीक का कुछ हिस्सा ईरान से जुड़े न्यूक्लियर समूहों के साथ साझा किया था।

दावा

फर्जी वैज्ञानिक अहम तकनीक हासिल करने का कर रहा था दावा

NDTV के मुताबिक, अख्तर और उसका भाई पिछले कुछ समय से यह बता रहे थे कि उन्होंने लिथियम-6 आधारित फ्यूजन रिएक्टर का डिजाइन तैयार किया है और ये तकनीक भविष्य में अत्यधिक ऊर्जा उत्पादन का स्त्रोत बनने वाली है। दोनों ने ईरान में दावा किया कि यह एक ऐसी मशीन है, जो खुद प्लाज्मा तापमान और वॉल प्रेशर कंट्रोल कर सकती है। उन्होंने झांसा दिया कि यह मशीन आधुनिक तकनीकों पर आधारित है, जिससे फ्यूजन रिएक्शन लगातार चलता रहता है।

दौरा

तेहरान गया था अख्तर, ईरानी दूतावास में बनाई पैठ

रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों भाइयों ने ईरान, दुबई और भारत में स्थित ईरानी दूतावासों का कई बार दौरा किया और अपने फर्जी रिएक्टर डिजाइन पेश किए। यही नहीं, दोनों भाइयों ने BARC की फर्जी आईडी और कठिन वैज्ञानिक शब्दावली के जरिए मुंबई में एक ईरानी राजनयिक को अपने झांसे में फंसा लिया। इस राजनयिक ने दोनों की ईरान के सरकारी न्यूक्लियर रिसर्च कंसोर्टियम के सदस्यों के साथ ऑनलाइन बैठक करवाई। इसमें दोनों ने ये कथित तकनीक बेचने का प्रस्ताव दिया।

ईरान

ईरानी वैज्ञानिकों ने नकार दी थी तकनीक

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि ईरानी वैज्ञानिकों ने इस दावे को खारिज कर दिया था। उनका कहना है कि अभी कोई भी प्रयोगशाला ऐसी तकनीक विकसित नहीं कर पाई है और आरोपी जो डिजाइन आरोपी बता रहे थे, वह केवल किताबों पर आधारित है और उसका कोई प्रयोगात्मक प्रमाण नहीं है। दोनों आरोपियों ने यह भी कहा कि उन्होंने लिथियम-7 पर आधारित रिएक्टर का ट्रायल किया था। वैज्ञानिकों ने इस दावे को भी खारिज कर दिया था।

बरामदगी

फर्जी वैज्ञानिक के पास से बरामद हुए थे कई नक्शे और जानकारी

मुंबई पुलिस को अख्तर के पास से संवेदनशील परमाणु डाटा और 14 नक्शे बरामद हुए थे। इसके अलावा उसके पास फर्जी डिग्री, प्रमाण पत्र, परिचय पत्र से लेकर पासपोर्ट तक भी थे। पुलिस का कहना है कि अख्तर फर्जी नामों और दस्तावेजों के जरिए कई विदेश यात्राएं भी कर चुका है। 2004 में उसे दुबई ने निर्वासित कर दिया था। हालांकि, इसके बावजूद उसने कई बार खाड़ी देशों की यात्रा की।

मामला

क्या है मामला?

बीते दिनों मुंबई पुलिस ने अख्तर को BARC का फर्जी वैज्ञानिक बनकर जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उसके पास से कई संवेदनशील जानकारी मिली थी और सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि वो विदेशी एजेंसियों के लिए जासूसी करता था। दिल्ली पुलिस ने अख्तर के भाई मोहम्मद आदिल हुसैनी को भी गिरफ्तार किया है, जिसे अख्तर ने मृत बता रखा था। इसके अलावा झारखंड से साइबर कैफे चलाने वाले शख्स की भी गिरफ्तारी हुई है।