इस साल इन खलनायकों ने जमकर लूटी वाहवाही, एक में भोली-भाली हीरोइन ने पलटी पूरी कहानी
क्या है खबर?
साल 2025 अब अलविदा कहने को तैयार है और इसके साथ ही मनोरंजन जगत का पूरा रिपोर्ट कार्ड भी सामने आने लगा है। इस साल जहां कई फिल्मों ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया, वहीं खास बात ये रही कि कुछ कलाकारों ने विलेन बनकर ऐसा असर छोड़ा कि दर्शक उनकी तारीफ करते नहीं थके। अक्षय खन्ना जैसे कलाकारों ने अपने खौफनाक अंदाज से साबित कर दिया कि 2025 सिर्फ हीरो का नहीं, बल्कि विलेन का भी साल रहा।
#1
अक्षय खन्ना
शुरुआत करते हैं 'धुरंधर' के रहमान डकैत उर्फ अक्षय खन्ना से ही, जिन्होंने पर्दे पर आते ही ऐसा भौकाल काटा कि हर कोई उनका दीवाना हो गया। आलम ये है 'धुरंधर' को रिलीज हुए 2 हफ्ते हो चुके हैं वो अब भी सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं। दूसरी तरफ इस साल आई विक्की कौशल की 'छावा' में भी अक्षय ने खूंखार औरंगजेब की भूमिका निभाकर जमकर वाहवाही लूटी। ये फिल्म उनके करियर के लिए संजीवनी बूटी साबित हुई।
#2
रणदीप हुड्डा
साल 2025 में सनी देओल 'जाट' बनकर आए और फिल्म ने 100 करोड़ से ज्यादा की कमाई कर ली, लेकिन सनी से ज्यादा लाइमलाइट लूट गए फिल्म में विलेन बने रणदीप हुड्डा। राणातुंगा बने रणदीप के खौफनाक अंदाज ने पुलिस के छक्के छुड़ा दिए। सनी जैसे एक्शन सुपरस्टार के सामने भी रणदीप ने अपनी शानदार छाप छोड़ी। रणदीप ने नकारात्मक भूमिका को इतनी शिद्दत से पर्दे पर जिया कि इसने उन्हें सबसे खूंखार खलनायकों की कतार में खड़ा कर दिया।
#3
रितेश देशमुख
इस साल रिलीज हुई अजय देवगन की फिल्म 'रेड 2' ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। फिल्म में रितेश देशमुख ने खलनायक दादा मनोहर भाई का किरदार निभाया, जो सिर्फ एक भ्रष्ट राजनेता ही नहीं, बल्कि बेहद ताकतवर शख्स भी है। एक ओर जहां रितेश के दमदार डायलॉग्स ने पर्दे पर अमिट छाप छोड़ी, वहीं अजय के साथ उनकी जबरदस्त भिड़ंत ने भी फिल्म को देखने लायक बनाया। बॉक्स ऑफिस पर भी फिल्म ने बढ़िया प्रदर्शन किया।
#4 और #5
नवाजुद्दीन सिद्दीकी और रुक्मिणी वसंत
आयुष्मान खुराना और रश्मिका मंदाना अभिनीत हॉरर कॉमेडी फिल्म 'थामा' में नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने 'यक्षासन' नाम के एक खूंखार विलेन का किरदार निभाया था, जिसे दर्शकों के साथ-साथ समीक्षकों ने भी खूब सराहा। उधर ऋषभ शेट्टी की फिल्म 'कांतारा: चैप्टर 1' की असली विलेन रुक्मिणी वसंत थीं, जिसकी सच्चाई सामने आते ही फिल्म की पूरी कहानी बदल जाती है। शुरुआत में लगता है कि रुक्मिणी लोगों की मदद कर रही हैं, लेकिन हकीकत पता चलते ही होश उड़ जाते हैं।