
टैरिफ चिंताओं के बीच भारत संग साझेदारी बढ़ाएगा EU, इस साल हो सकता है FTA
क्या है खबर?
भारत और अमेरिका में टैरिफ को लेकर तनातनी के बीच यूरोपीय संघ (EU) ने भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के लिए नए रणनीतिक एजेंडे की घोषणा की है। इसमें तकनीक से लेकर रक्षा, समुद्री सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी सहयोग और जलवायु परिवर्तन जैसे कई क्षेत्र शामिल हैं। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि अब साझा हितों पर आधारित और साझा मूल्यों द्वारा निर्देशित साझेदारियों को दोगुना करने का समय आ गया है।ta
समझौता
साल के अंत तक हो सकता है मुक्त व्यापार समझौता
वॉन डेर लेयेन ने यह भी कहा कि यूरोपीय संघ इस साल के अंत तक भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को अंतिम रूप देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, "यूरोप पहले से ही भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, व्यापार के लिए खुला है और भारत के साथ साझा भविष्य में निवेश करने के लिए तैयार है। भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौता दुनिया में अपनी तरह का सबसे बड़ा समझौता होगा।"
एजेंडा
नए रणनीतिक एजेंडे में क्या-क्या है?
रणनीतिक एजेंडे को यूरोपीय संघ के सभी 27 सदस्य देशों के सामने पेश किया जाएगा। इसे अगले साल होने वाले भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन में अपनाया जाएगा। इसमें साझा हित के 5 क्षेत्रों की पहचान की गई है- सुरक्षा, कनेक्टिविटी और वैश्विक मुद्दे, समृद्धि, स्थिरता, प्रौद्योगिकी और नवाचार। EU ने कहा, "बदलती भू-राजनीतिक वास्तविकताओं के मद्देनजर भारत के साथ उसकी साझेदारी महत्वपूर्ण होती जा रही है और दोनों पक्षों के लिए आर्थिक विकास और सुरक्षा को मजबूत करना जरूरी है।"
टैरिफ
रूसी तेल को लेकर भारत पर टैरिफ नहीं लगाएगा EU
EU के विदेश नीति प्रमुख काजा कलास ने कहा, "रूस से भारत की तेल खरीद मुद्दा बनी हुई है। हमारी साझेदारी केवल व्यापार के बारे में नहीं है, बल्कि नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था की रक्षा के बारे में भी है। व्यापार समझौते पर जब तक सभी बातों पर सहमति नहीं बन जाती, तब तक किसी भी बात पर सहमति नहीं बनती।" हालांकि, अधिकारियों ने रूस से तेल खरीद के लिए भारत पर टैरिफ या प्रतिबंध की संभावना से इनकार किया है।
fta
क्या होता है FTA?
FTA 2 या 2 से ज्यादा देशों के बीच व्यापार को आसान बनाने के लिए किया जाता है। इसके तहत आयात और निर्यात शुल्क को कम कर या खत्म कर देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं का व्यापार बहुत कम या बिना किसी टैरिफ बाधाओं के किया जा सकता है। इसके अंतर्गत सरकारी शुल्क, कोटा और सब्सिडी जैसे प्रावधान किये जाते हैं। भारत के कई देशों के साथ इस तरह के समझौते हैं।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
EU की नींव 1958 की रोम संधि से पड़ी थी। आधिकारिक रूप से यह 1993 की मास्ट्रिच्ट संधि से अस्तित्व में आया। 27 देश इसके सदस्य हैं। ये साझा बाजार और मुद्रा (यूरो) के अलावा व्यापार, सुरक्षा, पर्यावरण और विदेश नीति पर सामूहिक फैसले लेते हैं। बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में इसका मुख्यालय है। वहीं, यूरोपीय आयोग EU की कार्यपालिका है। ये EU के फैसलों को अमल में लाती है।