झारखंड: मंत्री आलमगीर के निजी सचिव के सहायक के घर ED को मिली करोड़ों की नकदी
क्या है खबर?
झारखंड की राजधानी रांची में सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के घरेलू सहायक के घर छापा मारा।
इस दौरान 25 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी बरामद हुई। इसके अलावा टीम पुंदाग स्थित सेल सिटी और 9 अन्य जगह भी पहुंची।
नोटों की गिनती अभी चल रही है। ED ने यह छापा झारखंड ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम के मामले में की है।
छापामारी
वीरेंद्र राम को पिछले साल किया गया था गिरफ्तार
वीरेंद्र राम को पिछले साल फरवरी में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया था। ED ने उनको काफी लंबे समय तक पूछताछ के बाद हिरासत में लिया था।
ED ने वीरेंद्र के यहां छापे में करीब 150 करोड़ रुपये की संपत्ति और 2 करोड़ रुपये के सोने के आभूषण बरामद किए थे। उनके पास से एक पेन ड्राइव और लैपटॉप भी मिला।
वीरेंद्र ने पूछताछ में कई बड़े नामों खुलासा किया था।
ट्विटर पोस्ट
घर से मिली करोड़ों की नकदी
#WATCH प्रवर्तन निदेशालय रांची में कई ठिकानों पर छापेमारी कर रहा है। वीरेंद्र राम मामले में झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के पीएस - संजीव लाल के घरेलू सहायक से भारी मात्रा में नकदी बरामद की गई।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 6, 2024
ईडी ने कुछ योजनाओं के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी… pic.twitter.com/xK5wwlBIc6
जांच
2 दिन चली थी वीरेंद्र के 24 ठिकानों पर छापे
ED ने मुख्य अभियंता वीरेंद्र के 24 ठिकानों पर 21 फरवरी को छापा मारा था, जो 22 फरवरी तक चली थी। इस दौरान जो दस्तावेज मिले थे, उसके आधार पर वीरेंद्र से 2 दिन तक पूछताछ हुई थी।
ED ने कोर्ट को बताया था कि वीरेंद्र और उसके परिवार के यहां मारे गए छापे में आय से अधिक धन की जानकारी मिली थी। आरोप है कि वीरेंद्र ने अपने परिवार के नाम पर चल और अचल संपत्ति अर्जित की है।
मुकदमा
घरेलू सहायक का है 15,000 रुपये वेतन
वीरेंद्र के खिलाफ सितंबर, 2020 में मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। वीरेंद्र पर मनी लॉन्ड्रिंग के अलावा योजनाओं के कार्यान्वयन में भारी अनियमितताओ के भी आरोप हैं।
निजी सचिव संजीव लाल के जिस घरेलू सहायक के यहां नकदी मिली है, उसका वेतन 15,000 रुपये बताया जा रहा है।
बता दें कि झारखंड में ED कई मामलों में जांच कर रही है। इसमें एक मामला पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कथित जमीन घोटाले से जुड़ा है।
पहचान
कौन हैं आलमगीर आलम?
झारखंड में आलमगीर आलम कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में शामिल हैं। वह पाकुड़ विधानसभा से 4 बार कांग्रेस विधायक रहे हैं। आलम 2000 में पहली बार विधायक बने थे।
2006 से 2009 तक आलम झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रहे। 2019 के विधानसभा चुनाव जीतने पर उनको हेमंत सोरेन की सरकार में संसदीय कार्य मंत्री और ग्रामीण विकास विभाग का कार्यभार मिला।
उन्होंने राजनीतिक करियर की शुरूआत 1978 में गृह पंचायत महराजपुर से सरपंच का चुनाव जीतकर किया था।