ED ने ज्वेलरी कंपनी जॉयअलुक्कास की 305 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की, हवाला का आरोप
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने विदेशी मुद्रा उल्लंघन के मामले में केरल की ज्वेलरी कंपनी जॉयअलुक्कास की 305 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को जब्त किया है। बतौर रिपोर्ट्स, यह कार्रवाई मामले में हवाला कनेक्शन सामने आने के बाद की गई है। ED ने कुछ दिन पहले जॉयअलुक्कास के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। गौरतलब है कि जॉयअलुक्कास ने हाल ही में अपने इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) को वापस लेने की घोषणा की थी।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला हवाला चैनल के जरिए भारी मात्रा में नकदी को भारत से दुबई भेजे जाने से संबंधित है, जिसे बाद में जॉय अलुक्कास वर्गीज के स्वामित्व वाली ज्वेलरी कंपनी जॉयअलुक्कास में निवेश किया गया। ED ने कंपनी पर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के प्रावधानों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था और इन्हीं आरोपों में 22 फरवरी को कंपनी के कई ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। कंपनी का मुख्यालय त्रिशूर में स्थित है।
ED ने क्या-क्या संपत्ति जब्त की?
ED द्वारा जब्त की गई जॉयअलुक्कास की संपत्तियों में 33 अचल संपत्तियां शामिल हैं, जिनकी कीमत 81.54 करोड़ रुपये है। इनमें त्रिशूर की शोभा सिटी में एक प्लॉट और एक आवासीय इमारत शामिल है। ED ने जॉयअलुक्कास के 217.81 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों के साथ-साथ 91.22 लाख रुपये की जमा राशि वाले 3 बैंक खातों और 5.58 करोड़ रुपये की राशि के 3 फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) को भी जब्त किया है।
मंगलवार को ही जॉयअलुक्कास ने वापस लिया था IPO
बता दें कि जॉयअलुक्कास ने मंगलवार को ही अपना 2,300 करोड़ रुपये का IPO वापस लेने का फैसला लिया था। कंपनी ने कहा था कि उसे अपने वित्तीय परिणामों में पर्याप्त बदलाव शामिल करने के लिए और समय चाहिए। कंपनी ने मार्च, 2022 में अपने एक ड्राफ्ट में बताया था कि उसकी IPO से प्राप्त रकम के इस्तेमाल से कुछ कर्जों को चुकाने और नए ज्वेलरी स्टोर खोलने की योजना है।
क्या है विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम?
केंद्र सरकार ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) को वर्ष 1999 में विदेशी मुद्रा से संबंधित सभी कानूनों का संशोधन और एकीकरण करने के उद्देश्य से लागू किया था। FEMA का लक्ष्य देश में विदेशी भुगतान और व्यापार को बढ़ावा देना है, जिससे औद्योगिक विकास और निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके। हालांकि, विदेशी मुद्राओं में किए गए भुगतान को शामिल करने वाले लेनदेन अधिकृत व्यक्तियों के माध्यम से ही किए जाने चाहिए।