DGCA की सख्ती, 15 मिनट देर से उड़ा विमान तो होगी जांच; जानिए नए नियम
क्या है खबर?
पिछले 10 दिनों से इंडिगो की उड़ानों में व्यापक व्यवधान के चलते लाखों यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। भविष्य में ऐसी स्थिति पैदा न हो, इसके लिए सरकार ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। उड़ानों में लगातार हो रही देरी, रद्दीकरण और सुरक्षा संबंधी घटनाओं के बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने तकनीकी खामियों की निगरानी का पूरा ढांचा बदल दिया है और नियम सख्त कर दिए हैं।
नए नियम
एयरलाइन को देनी होगी उड़ान में देरी की विस्तृत रिपोर्ट
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, 12 पेज के नए आदेश में कहा गया है कि किसी भी निर्धारित उड़ान में तकनीकी कारण से 15 मिनट या उससे ज्यादा की देरी होने पर जांच की जाएगी। एयरलाइन को बताना होगा कि उड़ान में देरी क्यों हुई, उसे कैसे ठीक किया गया और दोबारा ऐसा न होने के लिए क्या कदम उठाए गए। इस तरह के नियम पहली बार लागू किए गए हैं।
रिपोर्ट
DGCA को तुरंत बतानी होगी तकनीकी खामी
नियमों के अनुसार, कंपनियों को अब किसी भी बड़ी खराबी की सूचना तुरंत DGCA को फोन पर देनी होगी। इसके साथ ही 72 घंटों में विस्तृत रिपोर्ट जमा करनी होगी। अगर एक ही तरह की खामी 3 बार पाई जाती है, तो उसे 'बार-बार होने वाला दोष' माना जाएगा। इसके लिए अलग और विशेष जांच शुरू की जाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक खराबी की रिपोर्टिंग व्यवस्था कमजोर थी, जिसके बाद ये कदम उठाया गया है।
बड़े बदलाव
नए नियमों के बड़े बदलाव जानिए
विमान के ढांचे, इंजन और कंट्रोल सिस्टम में गड़बड़ी की तुरंत जानकारी देनी होगी। एयरलाइंस को हर महीने और तिमाही में अपने बड़े के विमानों की रिपोर्ट सौंपनी होगी। विमान के जिन पुर्जों में तकनीकी खराबी आई, उन्हें कम से कम 2 हफ्ते तक सुरक्षित रखना होगा। तकनीकी खामियों में उड़ान के दौरान आग लगना, लैंडिंग गियर या दरवाजों में परेशानी, आपातकालीन लैंडिंग और आग लगने जैसी घटनाएं शामिल है।
संकट
इंडिगो की 5,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द
पायलट और चालक दल की ड्यूटी से जुड़े नियम लागू होने के बाद बीते 10 दिन में इंडिगो की 5,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द हो गई हैं। सबसे ज्यादा करीब 1,600 उड़ानें 5 दिसंबर को रद्द हुई थी। इसके बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इंडिगो को अपने परिचालन में 10 प्रतिशत की कटौती करने का निर्देश दिया है। एयरलाइन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) को भी कम से कम 2 बार तलब किया गया है।