दिल्ली धमाके को सरकार ने आतंकी घटना माना, प्रधानमंत्री ने की CCS बैठक; जानें हर घटनाक्रम
क्या है खबर?
दिल्ली में लाल किले के पास 10 नवंबर को विस्फोट हुई सफेद हुंडई i20 कार के अलावा एक अन्य संदिग्ध कार का पता चला है, जो घटना के समय मौके पर थी। पुलिस ने इस कार को हरियाणा के एक गांव से बरामद किया है। वहीं, केंद्र सरकार ने दिल्ली धमाके को एक आतंकी घटना माना है और एजेंसियों को त्वरित जांच के निर्देश दिए हैं। प्रधानमंत्री, गृह मंत्री समेत तमाम आला मंत्रियों की मौजूदगी में अहम बैठक भी हुई।
तलाश
उमर उन नबी के नाम पर पंजीकृत है कार
कार को लेकर दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश पुलिस को अलर्ट जारी किया गया था। इसके बाद पुलिस ने ताबड़तोड़ कार की तलाश शुरू की। यह कार 22 नवंबर, 2017 को राजौरी गार्डन RTO में उमर उन नबी के नाम पर पंजीकृत हुई थी। वह कार का दूसरा मालिक था। जांच एजेंसियों को शक है कि घटना के समय लाल किले पर ये कार भी पहुंची थी। बता दें कि उमर दिल्ली धमाके का मुख्य संदिग्ध है।
बैठक
प्रधानमंत्री मोदी ने की अहम बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूटान से लौटते ही दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश (LNJP) अस्पताल पहुंचे और घायलों का हाल जाना। उन्होंने कहा कि साजिश रचने वालों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा इसके बाद उन्होंने सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक की। इसमें गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल, विदेश मंत्री एस जयशंकर, तीनों सेनाओं के प्रमुख और रक्षा सचिव शामिल होंगे।
सरकार
सरकार ने दिल्ली धमाके को आतंकी घटना माना
CCS की बैठक में सरकार ने दिल्ली धमाके को आतंकी घटना माना है। मंत्रिमंडल ने घटना की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया और पीड़ितों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की। 2 मिनट का मौन भी रखा गया। मंत्रिमंडल ने निर्देश दिया कि घटना की जांच तत्परता और पेशेवर तरीके से हो, ताकि अपराधियों, उनके सहयोगियों और प्रायोजकों की पहचान की जा सके और उन्हें बिना किसी देरी के न्याय के कटघरे में लाया जा सके।
धमाके
देशभर में धमाका करना चाहते थे आतंकी
दिल्ली धमाके को अंजाम देने वाले आतंकियों ने देशभर में हमले करने की योजना बनाई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली के लाल किला, इंडिया गेट, कॉन्स्टिट्यूशन क्लब और गौरी शंकर मंदिर जैसी जगह धमाके किए जाने थे। इसके अलावा आतंकियों के निशाने पर प्रमुख रेलवे स्टेशन और मॉल्स भी थे। जांच एजेंसियों का मानना है कि धार्मिक स्थलों पर हमला कर आतंकी देश में सांप्रदायिक तनाव फैलाना चाहते थे।
सैंपल
घटनास्थल से 40 सैंपल इकट्ठा किए गए
जांच एजेंसियों ने घटनास्थल से 40 सैंपल इकट्ठा किए हैं। इनमें धमाके वाली कार के पुर्जे, टायर, चेसिस, बोनट समेत दूसरे हिस्से शामिल हैं। शुरुआती जांच में पता चला है कि एक सैंपल में अमोनियम नाइट्रेट मिला है। धमाके से पहले एजेंसियों ने जो 2,900 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री बरामद की थी, उसमें भी अमोनियम नाइट्रेट शामिल थे। इन सभी सैंपल की फोरेंसिक जांच की जाएगी। कार चला रहे संदिग्ध उमर मोहम्मद के परिजनों के भी DNA सैंपल लिए गए हैं।
तुर्की
तुर्की गए थे धमाके के संदिग्ध
दिल्ली धमाके के पीछे जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल को जिम्मेदार माना जा रहा है। धमाके के संदिग्ध डॉक्टर उमर नबी और मुजम्मिल अहमद ने तुर्की की यात्रा की थी। शक है कि दोनों तुर्की में जैश के हैंडलर से मिले थे। दोनों की यात्रा को लेकर खुफिया एजेंसी और ज्यादा जानकारी जुटा रही है। तुर्की से लौटने के बाद ही इस समूह ने देशभर में अपनी गतिविधियां बढ़ाईं।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट
धमाके में मारे गए लोगों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई
धमाके में मारे गए लोगों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि पीड़ितों के सिर में चोट और आंतरिक अंगों को नुकसान हुआ है। ज्यादातर चोट शरीर के ऊपरी हिस्से पर थीं। कुछ शवों में क्रॉस-इंजरी पैटर्न देखा गया। यानी ये लोग धमाके के बाद दीवार या जमीन से टकराए। इससे हड्डियां टूट गईं और सिर में चोटें आईं। समाचार एजेंसी ANI ने बताया कि पीड़ितों के शरीर या कपड़ों पर छर्रे के निशान नहीं मिले हैं।