अयोध्या के राम मंदिर में 25 नवंबर की क्या है तैयारी? जानिए कितना भव्य होगा ध्वजारोहण
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला और उसके उद्घाटन के बाद तीसरे बड़े आयोजन की तैयारी चल रही है। यहां 25 नवंबर को ध्वजारोहण का कार्यक्रम है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे। प्रधानमंत्री मंदिर निर्माण के बाद उसके 161 फुट ऊंचे मुख्य शिखर पर भगवा ध्वज फहराएंगे। साथ ही अन्य मंदिरों पर भी ध्वज लहराएंगे। इसको लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, प्रधानमंत्री कार्यालय और उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री कार्यालय कार्यक्रम की देखरेख कर रहा है।
तैयारी
कितना भव्य होगा ध्वजारोहण कार्यक्रम?
समारोह की भव्यता का अंदाजा इसी से है कि 25 नवंबर को आम लोगों के लिए मंदिर बंद रहेगा। उसे दोपहर को 2 बजे के बाद खोला जाएगा। ध्वजारोहण का प्रसारण प्रमुख टेलीविजन चैनलों और यूट्यूब पर होगा। राम जन्मभूमि परिसर में 200 फीट की LED स्क्रीन और पूरे अयोध्या में 30 से अधिक बड़ी स्क्रीन लगाई जाएंगी। परिसर में विशाल मंच बनेगा और 8,000 से अधिक अतिथियों के लिए कुर्सियां लगेंगी। पूरा परिसर फूलों और लाइटों से जगमगाएगा।
खास
ध्वजारोहण क्यों है इतना खास?
हिंदू धर्म में शिखर पर ध्वज चढ़ाना एक रस्म नहीं बल्कि ईश्वर की उपस्थिति, विजय, सुरक्षा और आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक है। सभी प्रमुख मंदिरों में ध्वजा है। हिंदू ग्रंथों में भी इसका जिक्र है। राम मंदिर में 22 गुणा 11 फुट का भगवा ध्वज लहरेगा, जो टिकाऊ पैराशूट कपड़े और रेशमी धागों से बना है। इसे 161 फुट ऊंचे शिखर पर 42 फुट लंभे ध्वज दंड पर फहराया जाएगा। त्रिकोणीय ध्वज पर सूर्य, 'ॐ' और कोविदार वृक्ष अंकित हैं।
ध्वज दंड
अहमदाबाद में बना है ध्वज दंड
राम मंदिर के मुख्य शिखर के अलावा अन्य मंदिरों पर ध्वजारोहण के लिए ध्वज स्तंभों को गुजरात के अहमदाबाद में स्थित श्रीअंबिका इंजीनियरिंग वर्क्स ने बनाया है। दंड पूरी तरह पीतल का है। इसकी लंबाई 42 फुट और चौड़ाई 9.5 इंच है। स्तंभ को गर्भगृह से शिखर तक लगाया गया है। यह मूर्ति के बाद सबसे मुख्य चीज है। इसका वजन 5,500 किलोग्राम है। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, RSS प्रमुख मोहन भागवत शामिल होंगे।
मंदिर
राम मंदिर में कितना काम बाकी है?
राम मंदिर में श्रद्धालुओं से जुड़े सभी कार्य पूरे हो चुके हैं। अब केवल वही कार्य चल रहा है, जिसका सीधा सरोकार श्रद्धालुओं से नहीं है। ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने पहले बताया था कि मंदिर परिसर में सड़कें और पत्थर लगाने कार्य, भूमि सौन्दर्य, हरियाली और लैंड स्केपिंग कार्य और 10 एकड़ में पंचवटी निर्माण का काम तेजी से हो रहा है। सभागार, ट्रस्ट ऑफिस, अतिथि गृह, दिशाओं के गेट और 3.5 किलोमीटर लंबी चारदीवारी बन रही है।