अरुणाचल प्रदेश में हुई G-20 समूह की एक अहम बैठक में शमिल नहीं हुआ चीन
क्या है खबर?
चीन ने अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में रविवार को आयोजित हुई G-20 समूह की एक अहम बैठक में शामिल नहीं हुआ।
बतौर रिपोर्ट्स, इस बैठक में 50 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए, लेकिन चीन इसमें नहीं आया। उसने बैठक से दूरी बनाने को लेकर कोई बयान नहीं जारी किया है।
गौरतलब है कि सितंबर में भारत की अध्यक्षता में G-20 शिखर सम्मेलन आयोजित होना है और इसी क्रम में देशभर में बैठकें आयोजित हो रही हैं।
बैठक
बैठक में क्या-क्या हुआ?
केंद्र सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आयोजित की गई इस बैठक को गोपनीय रखा गया था, जिसमें मीडिया को प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई थी। इसकी थीम 'रिसर्च इनोवेशन इनिशिएटिव गैदरिंग' रखी गई थी।
बैठक में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों ने अरुणाचल प्रदेश विधानसभा और एक बौद्ध मठ का भी दौरा किया।
बैठक में G-20 सदस्य देशों के अलावा कई अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
मायने
चीन के बैठक से दूरी बनाने के क्या मायने हैं?
चीन बैठक में शामिल नहीं होकर अरुणचल प्रदेश को लेकर अपना सांकेतिक विरोध जताना चाहता है। हालांकि, अभी तक यह बात साफ नहीं है कि चीन ने इस बैठक के खिलाफ आधिकारिक रूप से भारत के समक्ष विरोध दर्ज कराया है या नहीं।
चीन अब तक भारत की G-20 अध्यक्षता का समर्थन करता रहा है और इस महीने की शुरुआत में चीनी विदेश मंत्री किन गांग दिल्ली में G-20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल हुए थे।
विवाद
अरुणाचल प्रदेश को तिब्बत का हिस्सा मानता है चीन
चीन अरुणाचल प्रदेश को तिब्बत का हिस्सा मानता है और अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा करते हुए इसे दक्षिणी तिब्बत कहता है। दूसरी तरफ भारत का कहना है कि अरुणाचल उसका अभिन्न अंग है और इस पर भारत की संप्रभुता को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिली हुई है।
चीन अरुणाचल प्रदेश की 90,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर अपना अधिकार बताता है तो भारत कहता है कि चीन ने अक्साई चिन की करीब 38,000 वर्ग किलोमीटर पर अवैध कब्जा किया हुआ है।
झड़प
पिछले साल तवांग में हुई थी भारत और चीन के सैनिकों में झड़प
वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव के बीच पिछले साल 9 दिसंबर को अरुणाचल के तवांग सेक्टर में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी।
चीनी सैनिकों ने 17,000 फुट ऊंची एक चोटी से भारतीय पोस्ट को हटाने की कोशिश की थी।
चीनी सैनिक कंटीले क्लब और लाठियां लेकर आए थे, लेकिन भारतीय सैनिकों ने उनके मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया।
इस झड़प में दोनों देशों के सैनिक घायल हुए थे।