सुप्रीम कोर्ट का सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट लेने से इनकार, CJI बोले- पारदर्शिता की जरूरत
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वन रैंक वन पेंशन (OROP) योजना के तहत पेंशन भुगतान मामले की सुनवाई के दौरान रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि वह कोई गोपनीय दस्तावेज या सीलबंद लिफाफे नहीं लेंगे और वह व्यक्तिगत रूप से इसके खिलाफ हैं। अदालत में पारदर्शिता होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि वह कोर्ट में सीलबंद लिफाफे की प्रथा को समाप्त करने पर विचार कर रहे हैं।
मामला
क्या था मामला?
दरअसल, OROP पेंशन भुगतान मामले में आज रक्षा मंत्रालय की ओर से अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने कोर्ट के समक्ष बकाया भुगतान को लेकर एक सीलबंद लिफाफा सौंपा था।
कोर्ट ने कहा कि इस मामले के बारे में कुछ भी गोपनीय नहीं है क्योंकि यह कोर्ट के पहले के आदेशों को लागू करने के बारे में है।
CJI ने अटॉर्नी जनरल से कहा, "हम सीलबंद लिफाफा नहीं लेंगे। आपस इसे वापस लें या पढ़ें।"
टिप्पणी
CJI ने अटॉर्नी जनरल से क्या कहा?
CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि वह सीलबंद लिफाफों की प्रथा के खिलाफ हैं।
उन्होंने कहा, "हम सुप्रीम कोर्ट में सीलबंद लिफाफे की प्रथा को खत्म करना चाहते हैं, क्योंकि अगर सुप्रीम कोर्ट इसका पालन करता है तो हाई कोर्ट भी इसका पालन करेंगे। यह न्यायिक सिद्धांतों के खिलाफ है"
उन्होंने कहा कि इसका सहारा आपात स्थिति में तभी लिया जा सकता है, जब स्रोत गोपनीय हो या किसी के जीवन को खतरा हो।
पेंशन
अटॉर्नी जनरल ने OROP योजना भुगतान को लेकर कोर्ट में क्या कहा?
कोर्ट में अटॉर्नी जनरल ने कहा कि सरकार की ओर से एक अर्जी दाखिल की गई है। पेंशन बकाया भुगतान के लिए रक्षा मंत्रालय को कुछ और समय चाहिए। 31 मार्च तक पेंशन की पहली किस्त चुका दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि 3 और किस्तों में यह भुगतान इस साल 31 सितंबर, 31 दिसंबर और 31 मार्च, 2024 को कर दिया जाएगा। अदालत के आदेश के तहत केंद्र सरकार यह भुगतान करने को बाध्य है।
कोर्ट
अगली 28 फरवरी तक पेंशन बकाया का करें भुगतान- कोर्ट
कोर्ट ने सरकार को अगले साल 28 फरवरी तक सभी पेंशनर्स को OROP बकाया का भुगतान करने के लिए कहा है।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि 6 लाख पेंशनभोगी परिवार और वीरता पदक विजेताओं को 30 अप्रैल तक OROP का बकाया का भुगतान किए जाए।
कोर्ट ने 70 साल और उससे अधिक आयु के सेवानिवृत्त सैन्य कर्मियों को इस साल 30 जून तक OROP बकाया का भुगतान एक या उससे अधिक किस्तों में करने को कहा है।