चंद्रबाबू नायडू सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, कौशल विकास घोटाले में FIR रद्द करने की मांग
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने कौशल विकास भ्रष्टाचार मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने इस मामले में खुद के खिलाफ दर्ज हुई FIR को रद्द करने की मांग की है। इससे पहले नायडू ने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में भी इसी मांग को लेकर याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
नायडू ने दायर की विशेष अनुमति याचिका
नायडू के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की है। इसमें उन्होंने अपने खिलाफ FIR और रिमांड आदेश को रद्द करने की मांग की है। नायडू की याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने की संभावना है। मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ के सामने शीघ्र सुनवाई की गुहार के साथ इस याचिका का उल्लेख किया जाएगा। शुक्रवार को TDP के प्रदेश अध्यक्ष के अचेन नायडू ने कहा था पार्टी की कानूनी शाखा सुप्रीम कोर्ट जाएगी।
आज जेल में हुई नायडू से पूछताछ
अपराध जांच विभाग (CID) ने आज राजामहेंद्रवरम जेल में बंद नायडू से पूछताछ की। अदालत ने नायडू से 23 और 24 सितंबर को सुबह 9:30 बजे से शाम 5 बजे तक पूछताछ की इजाजत दी है। अदालत ने पूछताछ में CID की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) के 3 पुलिस उपाधीक्षक के साथ 6 जुनियर पुलिस अधिकारी, एक प्रोफेशनल वीडियोग्राफर और 2 सरकारी मध्यस्थों को भी हिस्सा लेने की इजाजत दी है।
हाई कोर्ट ने खारिज की थी याचिका
शुक्रवार (22 सितंबर) को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने नायडू की FIR रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने कहा था कि CID ने कोर्ट में तर्क दिया है कि अगले 4-5 दिनों में नायडू से पूछताछ करने से कथित घोटाले में और भी खुलासे हो सकते हैं। कोर्ट में CID की ओर से कहा गया था कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17 (A) नायडू पर लागू होती है।
क्या है मामला?
ये मामला राज्य कौशल विकास निगम (APSSDC) से जुड़ा हुआ है। आरोप है कि इसमें निविदा प्रक्रिया मानकों का पालन किए बिना शुरू की गई थी और इसके लिए कैबिनेट की मंजूरी भी नहीं ली गई थी। CID का आरोप है कि इस घोटाले के नायडू 'मुख्य षडयंत्रकारी' हैं और इससे राज्य सरकार को करीब 300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इस मामले में 9 सितंबर को नायडू को गिरफ्तार किया गया था।
न्यूजबाइट्स प्लस
नायडू 3 बार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वह 1995 से 2004 तक 2 कार्यकाल के लिए अविभाजित आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। इसके बाद आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद भी वह 2014 से 2019 तक मुख्यमंत्री रहे थे। 2019 के विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री जगन रेड्डी की YSR कांग्रेस पार्टी से हारने के बाद से चंद्रबाबू आंध्र प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।