ममता बनर्जी के पत्र का केंद्र ने दिया जवाब, कहा- बलात्कार पर पहले से सख्त कानून
कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना पर राज्य और केंद्र सरकार आमने-सामने है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 30 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दूसरा पत्र लिखा था। अब केंद्र ने इसका जवाब देते हुए कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध से निपटने के लिए पहले से ही सख्त कानून है। केंद्र ने अपने पत्र में पश्चिम बंगाल में बलात्कार की घटनाओं का आंकड़ा भी दिया।
केंद्र ने कहा- बंगाल में 48,600 बलात्कार के मामले लंबित
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने पत्र में लिखा, "फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSC) विशेष रूप से बलात्कार और POCSO अधिनियम के मामलों से निपटने के लिए बना है। पश्चिम बंगाल में 48,600 बलात्कार और POCSO मामलों के लंबित होने के बावजूद राज्य ने अतिरिक्त 11 FTSC चालू नहीं किए हैं, जो राज्य की आवश्यकता के अनुसार विशेष POCSO न्यायालय या बलात्कार और POCSO दोनों मामलों से निपटने वाले संयुक्त FTSC हो सकते हैं।"
सरकार ने बनाए कड़े कानून- केंद्र
पत्र में कहा गया है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा और अपराध से निपटने के लिए केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कानून व्यापक और काफी कड़े हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा, "बलात्कार जैसे मामलों में दोषी को फांसी की सजा का प्रावधान पहले से ही है। भारतीय न्याय संहिता (BNS) में बलात्कार के लिए कम से कम 10 साल की जेल का प्रावधान है, जिसे उम्रकैद या मौत की सजा तक बढ़ाया जा सकता है।"
ममता ने 2 बार प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
कोलकाता मामले पर ममता ने 22 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी को पहला पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने बलात्कारियों को सजा देने के लिए कड़े कानून की मांग की थी। इसके बाद 29 अगस्त को उन्होंने दोबारा इसी मुद्दे पर प्रधानमंत्री को पत्र लिख कहा था कि इतने संवेदनशील मुद्दे पर उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला है। इसके बाद अब केंद्र ने ममता के पत्र का जवाब दिया है।
डॉक्टर के साथ हैवानियत के बाद हो रहा बवाल
9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सभागार एक 31 वर्षीय महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। घटना सामने आने के बाद पूरे देश में विरोध शुरू हो गया और डॉक्टर अपनी सेवाएं ठप कर हड़ताल पर चले गए। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप दी है। अब तक एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।