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#NewsBytesExplainer: 300 की आबादी वाले बिट्रा द्वीप का अधिग्रहण क्यों कर रही सरकार, ये कितना अहम?
सरकार लक्षद्वीप के बिट्रा द्वीप का अधिग्रहण करने जा रही है

#NewsBytesExplainer: 300 की आबादी वाले बिट्रा द्वीप का अधिग्रहण क्यों कर रही सरकार, ये कितना अहम?

लेखन आबिद खान
Jul 19, 2025
04:33 pm

क्या है खबर?

केंद्र सरकार लक्षद्वीप के चुनिंदा आबाद द्वीपों में से एक बिट्रा द्वीप का अधिग्रहण करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए लक्षद्वीप की सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है। इसमें कहा गया है कि द्वीप की रणनीतिक अहमियत और राष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए ऐसा किया जा रहा है। हिंद महासागर में राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से यह द्वीप बेहद संवेदनशील है। आइए इस द्वीप के बारे में जानते हैं।

बिट्रा द्वीप

कहा हैं बिट्रा द्वीप?

लक्षद्वीप में केवल 10 ऐसे द्वीप है, जहां आबादी रहती है। बिट्रा इनमें से एक है। ये क्षेत्र का सबसे छोटा बसा हुआ द्वीप है, जिसका क्षेत्रफल 0.105 वर्ग किलोमीटर है। इसकी लंबाई 0.57 किलोमीटर और चौड़ाई 0.28 किलोमीटर है। यह कोच्चि से 483 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां फिलहाल केवल 105 परिवार रहते हैं और द्वीप की कुल आबादी करीब 300 के आसपास है, जो इसे सबसे कम जनसंख्या वाला द्वीप बनाती है।

इतिहास

बिट्रा द्वीप का इतिहास भी जानिए

ये द्वीप कुछ दशक पहले तक वीरान था। यहां केवल घनी झाड़ियां थीं, जिस वजह से ये समुद्री पक्षियों का पसंदीदा प्रजनन स्थल था। 1848 में ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारी सर रॉबिन्सन ने द्वीप का दौरा किया था। तब उन्हें लोगों ने बताया था कि 1835 तक यहां समुद्री पक्षी भारी तादाद में थे और किल्टन और चेतलाट जैसे आसपास के द्वीपों के लोग यहां अंडे इकट्ठा करने के लिए आते थे।

आबादी

बिट्रा द्वीप पर कैसे बसी आबादी?

20वीं सदी की शुरुआत तक मानव गतिविधियां बेहद सीमित थीं। माना जाता है कि 1909 में यहां कुछ परिवारों को बसाने का प्रयास किया गया। 1935 तक धीरे-धीरे आबादी बढ़ने लगी। चेतलाट द्वीप से एक महिला अपने बच्चे के साथ इस द्वीप पर आई थी। माना जाता है कि 1945 में चेतलाट द्वीप से आई एक महिला यहां की पहली स्थायी निवासी थी, जो अपने बेटे के साथ यहां बस गई थी।

डेमोग्राफी

द्वीप पर रहते हैं केवल 271 लोग, साक्षरता दर 97 प्रतिशत

2011 की जनगणना के मुताबिक, इस द्वीप पर कुल 271 लोग रहते हैं। इनमें 154 पुरुष और 117 महिलाएं हैं। यहां की साक्षरता दर 97 प्रतिशत है। स्थानीय लोग मलयालम, हिंदी और अंग्रेजी भाषा बोलते हैं और मुख्य रूप से यहां की आबादी मुसलमान है। ज्यादातर आबादी मछली पालन, नारियल की खेती और पर्यटकों के जरिए कमाई से अपनी आजीविका चलाती है। लक्षद्वीप पहुंचने के बाद यहां नाव और हेलीकॉप्टर से पहुंचा जा सकता है।

अहमियत

द्वीप का अधिग्रहण क्यों करना चाह रही है सरकार?

लक्षद्वीप की भौगोलिक स्थिति हिंद महासागर पर नजर रखने के लिए काफी अहम है। खासतौर पर मालदीव की चीन से बढ़ती नजदीकी और चीनी अनुसंधान पोतों की इस क्षेत्र में सक्रियता को देखते हुए फैसला काफी अहम माना जा रहा है। इसके अलावा लक्षद्वीप और मिनिकॉय द्वीप 9 डिग्री चैनल पर स्थित हैं, जहां से दक्षिण-पूर्वी एशिया और उत्तरी एशिया के बीच अरबों रुपये का माल ले जाने वाले व्यापारिक जहाज गुजरते हैं।

लक्षद्वीप

लक्षद्वीप में लगातार सैन्य उपस्थिति बढ़ा रही है सरकार

हिंद महासागर में किसी संभावित खतरे से निपटने के लिए भारत लक्षद्वीप में लगातार अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ा रहा है। भारत ने लक्षद्वीप के मिनिकॉय द्वीप पर एक नया नौसैनिक अड्डा INS जटायु स्थापित किया है। INS जटायु को एक पूर्ण नौसैनिक अड्डे के रूप में विकसित किया जा रहा है। मिनिकॉय द्वीप पर ही दोहरे उद्देश्य वाला हवाई अड्डा भी बनाया जा रहा है। सरकार अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर भी कई परियोजनाओं पर काम कर रही है।