लक्षद्वीप में नौसैनिक अड्डा बनाएगा भारत, अगले हफ्ते हो सकता है उद्घाटन
हिंद महासागर में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के लिए भारतीय नौसेना बड़ा कदम उठाने जा रहा है। भारत लक्षद्वीप के मिनिकॉय द्वीप पर एक नया नौसैनिक अड्डा INS जटायु स्थापित करने जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 4 या 5 मार्च को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इसे आधिकारिक तौर पर नौसेना को सौंप सकते हैं। चीन की चुनौती को देखते हुए यहां से हिंद महासागर के बड़े इलाके पर नजर रखी जा सकेगी।
कैसा होगा नौसैनिक अड्डा?
अधिकारियों के मुताबिक, इसे फिलहाल कम सैन्य उपस्थिति के साथ शुरू किया जा रहा है, लेकिन बाद में इसका विस्तार किया जाएगा। यह अड्डा अंडमान में बनाए गए INS बाज के समान होगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां 4 MH-60 रोमियो बहुउद्देशीय हेलीकॉप्टरों की तैनाती भी की जा सकती है। इसके अलावा अगाट्टी द्वीप में हवाई पट्टी को भी विकसित किया जाएगा, ताकि यहां से लड़ाकू विमानों का संचालन किया जा सके।
लक्षद्वीप में होगा नौसेना का कमांडर्स सम्मेलन
भारतीय नौसेना संयुक्त कमांडर सम्मेलन के पहले चरण का आयोजन युद्धपोत INS विक्रमादित्य और INS विक्रांत पर करने की योजना बनाई है। ये युद्धपोत गोवा से चलकर कर्नाटक के कारवार और फिर वहां से मिनिकॉय द्वीप होते हुए कोच्चि पहुंचेंगे। इस दौरान राजनाथ सिंह भी इनमें से किसी एक पर सवार होकर लक्षद्वीप जाएंगे। उनके साथ 15 और युद्धक जहाज भी होंगे। ये पहली बार होगा, जब दोनों युद्धपोत का संचालन एक साथ किया जाएगा।
क्यों अहम है ये फैसला?
लक्षद्वीप की भौगोलिक स्थिति हिंद महासागर पर नजर रखने के लिए काफी अहम है। खासतौर पर हाल ही में मालदीव की चीन से बढ़ती नजदीकी और चीनी अनुसंधान पोतों की इस क्षेत्र में सक्रियता को देखते हुए फैसला काफी अहम माना जा रहा है। इसके अलावा लक्षद्वीप और मिनिकॉय द्वीप 9 डिग्री चैनल पर स्थित हैं, जहां से दक्षिण-पूर्वी एशिया और उत्तरी एशिया के बीच अरबों रुपये का माल ले जाने वाले व्यापारिक जहाज गुजरते हैं।
प्रधानमंत्री की यात्रा से चर्चा में आया था लक्षद्वीप
बता दें कि मालदीव से विवाद के बाद भारत लक्षद्वीप को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करना चाहता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 जनवरी को लक्षद्वीप की यात्रा की थी। उन्होंने इसकी कुछ तस्वीरें साझा की थीं और लोगों को यहां आने का न्योता दिया था। हालांकि, उनकी तस्वीरों पर मालदीव के कुछ मंत्रियों ने अमर्यादित टिप्पणियों की थीं। दोनों देशों के बीच ये विवाद राजनयिक स्तर पर पहुंच गया था।
न्यूजबाइट्स प्लस
लक्षद्वीप 36 छोटे-छोटे द्वीपों का समूह है। केरल के कोच्चि से करीब 440 किलोमीटर दूर स्थित ये जगह रणनीतिक नजरिए से भी काफी अहम है। यहां की कुल आबादी करीब 64,000 है। इसमें से भी 95 प्रतिशत मुस्लिम हैं। आदिवासियों की संस्कृति को बचाए रखने की वजह से यहां पर जाने के लिए आम भारतीयों को परमिट लेना जरूरी होता है। हालांकि, भारतीय सेना के जवान, उनके परिजन और सरकारी अधिकारियों को परमिट से छूट मिली हुई है।