जम्मू-कश्मीर: सेना ने पुंछ में घुसपैठ की कोशिश नाकाम की, एक पाकिस्तानी आतंकी ढेर
सेना ने गुरूवार देर रात जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में घुसपैठ की एक कोशिश को नाकाम कर दिया। इस दौरान उन्होंने एक पाकिस्तानी आतंकी को भी ढेर कर दिया। मृत आतंकी के पास से हथियार और गोला-बारूद भी बरामद हुए हैं। अधिक जानकारी का इंतजार किया जा रहा है और अभियान अभी भी जारी है। भिम्बर गली इलाके में हुई इस मुठभेड़ में किसी जवान के हताहत होने की खबर नहीं है।
घुसपैठ बढ़ाने की कोशिश में है पाकिस्तान- जम्मू-कश्मीर पुलिस प्रमुख
जम्मू-कश्मीर पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने आतंकी घटनाओं पर बात करते हुए मीडिया से कहा कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ बढ़ाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन इनमें से ज्यादातर प्रयासों को नाकाम किया जा रहा है। उन्होंने पुंछ के भट्टा दुर्रियन जंगलों में आतंकी अभियान अभी भी जारी रहने की जानकारी भी दी। ये अभियान पिछले एक महीने से अधिक समय से चल रहा है और जम्मू-कश्मीर के सबसे लंबे आतंकरोधी अभियानों में से एक है।
अफगानिस्तान में जीत के बाद पाकिस्तान ने बढ़ा दी हैं कश्मीर में आतंकी गतिविधियां
बता दें कि अफगानिस्तान में अपने मंसूबों की जीत के बाद पाकिस्तान ने कश्मीर में अपनी आतंकी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। खुफिया एजेंसियों के अनुसार, अभी कश्मीर में 38 पाकिस्तानी आतंकी मौजूद हैं। इनमें 27 आतंकी लश्कर-ए-तैयबा के हैं, वहीं 11 आतंकी जैश-ए-मोहम्मद के हैं। एजेसियों ने श्रीनगर में चार, कुलगाम में तीन और पुलवामा और बारामूला में 10-10 आतंकियों के छिपे होने की सूचना दी है। 11 आतंकी अन्य जगहों पर छिपे हुए हैं।
अल्पसंख्यकों को निशाना बना रहे हैं आतंकी
पाकिस्तान की इसी नापाक साजिश के तहत कश्मीर में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है और अक्टूबर में आतंकी नौ अल्पसंख्यकों की हत्या कर चुके हैं। अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में आतंकियों ने महज 48 घंटे के अंदर दो शिक्षकों सहित पांच लोगों की हत्या कर दी थी। इनमें जाने-माने केमिस्ट माखन लाल बिंद्रू (70) और लाल बाजार में रेहड़ी लगाने वाले बिहार के निवासी वीरेंद्र पासवान आदि शामिल थे। इसके बाद चार मजदूरों की भी हत्या की गई।
सेना भी आतंकियों के निशाने पर
बीते कुछ महीनों में आतंकियों ने सेना को भी निशाना बनाया है। अक्टूबर में पुंछ में जंगल में छिपे आतंकियों के साथ मुठभेड़ में नौ जवान शहीद हो गए थे। इस मुठभेड़ में सबसे पहले 11 अक्टूबर को एक अधिकारी समेत पांच जवान शहीद हुए। इसके बाद दो और जवान शहीद हो गए, वहीं 17 अक्टूबर को दो लापता जवानों के शव मिलने से शहीदों का संख्या नौ हो गई। ये अभियान अभी भी जारी है।
इस साल ढेर किए गए 151 आतंकी
सेना ने भी आतंकियों को भरपूर जवाब दिया है और इस साल 151 आतंकियों को ढेर किया जा चुका है। इसमें लश्कर-ए-तैयबा के सबसे अधिक 86 आतंकी थे। इन आतंकरोधी अभियानों में 35 जवान भी शहीद हुए। घाटी में अभी भी 199 आतंकी सक्रिय है।