गृह मंत्री का निर्देश- मणिपुर में 8 मार्च से सभी रास्तों पर आवाजाही सामान्य की जाए
क्या है खबर?
मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा को लेकर गृह मंत्रालय में अहम बैठक हुई। इसमें गृह मंत्री अमित शाह और मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला समेत वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
गृह मंत्री ने निर्देश दिए कि 8 मार्च से मणिपुर के सभी रास्तों पर जनता की मुक्त आवाजाही सुनिश्चित की जाए और अवरोध पैदा करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
बता दें कि मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद यह पहली उच्च स्तरीय बैठक थी।
बैठक
बैठक में क्या-क्या हुआ?
रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक में राज्य में स्थिति सामान्य करने और लूटे गए हथियारों के आत्मसमर्पण करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
गृह मंत्री ने निर्देश दिया कि 8 मार्च से मणिपुर के सभी रास्तों को खोला जाए।
इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों को जबरन उगाही करने वालों पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए।
गृह मंत्री ने मणिपुर को नशामुक्त बनाने के लिए नशे के पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने का भी निर्देश दिया है।
अवधि
हथियार लौटाने की तारीख बढ़ाई गई
मणिपुर के राज्यपाल ने लूटे गए हथियारों के आत्मसमर्पण की समय सीमा 6 मार्च शाम 4 बजे तक बढ़ा दी है।
इससे पहले राज्यपाल ने लोगों से लूटे गए हथियार लौटाने की अपील की थी। जिसके बाद सैकड़ों लोगों ने हथियार लौटाए थे।
26 फरवरी को पुलिस ने बताया था कि 87 तरह के हथियार, गोला-बारूद और अलग-अलग सामान लोग ने लौटाया है।
इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, बिष्णुपुर, थौबल, कांगपोकपी, जिरीबाम और चुराचांदपुर जिलों में हथियार सरेंडर किए गए।
राष्ट्रपति शासन
मणिपुर में लागू है राष्ट्रपति शासन
9 फरवरी को मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद 13 फरवरी को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था।
इसके बाद राज्यपाल अजय भल्ला ने 20 फरवरी को अवैध और लूटे गए हथियार रखने वाले सभी लोगों को आत्मसमर्पण करने का अल्टीमेटम दिया था।
आदेश में कहा था कि अगर इस समयसीमा में हथियार जमा न कराए गए तो सख्त कार्रवाई होगी।
हिंसा
मणिपुर हिंसा में 250 से ज्यादा मौतें
मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच मई, 2023 से हिंसा जारी है, जो हाई कोर्ट के एक आदेश के बाद भड़क उठी थी।
इस दौरान 250 से ज्यादा लोग मारे गए हैं, 1,500 से ज्यादा जख्मी हुए हैं और करीब 60,000 को घर छोड़ना पड़ा है।
अब तक 500 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
राष्ट्रपति शासन लगने के बाद से 30 से ज्यादा उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया है।