सरकार ने मानी किसानों की सभी मांगें, SKM ने किया आंदोलन खत्म करने का ऐलान
क्या है खबर?
तीन विवादित कृषि कानूनों की वापसी के बाद अन्य मांगों लेकर दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों ने सरकार द्वारा सभी मांगें मानने के बाद गुरुवार को आंदोलन खत्म करने का ऐलान कर दिया है।
सरकार की ओर से आधिकारिक आश्वासन पत्र मिलने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने आंदोलन के समापन की आधिकारिक घोषणा की है।
इसी के साथ पिछले एक साल से चल रहा यह आंदोलन समाप्त हो गया और सभी किसान शनिवार को घर लौट जाएंगे।
प्रस्ताव
सरकार ने बुधवार को भेजा था किसानों को संशोधित प्रस्ताव
बता दें कि सरकार ने मंगलवार को किसानों को एक आश्वासन पत्र भेजा था, जिसमें किसानों के खिलाफ सभी मामले वापस लेने सहित अन्य मांगों पर आश्वासन भेजा था।
जिस पर संयुक्त किसान मोर्चा ने कुछ मुद्दों पर आपत्ति जताते हुए उसमें संशोधन के लिए वापस सरकार के पास भेज दिया था।
उसके बाद सरकार ने बुधवार को किसानों को संशोधित आश्वासन पत्र भेजा था। जिसमें किसानों को सभी मांगे पूरी करने की बात कही थी।
आश्वासन
सरकार ने किसानों को यह दिया है आश्वासन
सरकार ने संशोधित आश्वासन पत्र में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर निर्णय के लिए एक समिति बनाएगी और इसमें किसान और कृषि वैज्ञानिक शामिल किए जाएंगे। समिति में शामिल होने वाले किसानों का निर्णय SKM ही करेगा।
इसी तरह देश में चल रही MSP और खरीद व्यवस्था यथावत रहेगी, आंदोलन में किसानों के खिलाफ दर्ज सभी मामले वापस लिए जाएंगे, सभी मृतक किसानों के परिवारों को मुआवजा दिया जाएगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार ने सहमति दी है।
जानकारी
बिजली संशोधन विधेयक और पराली पर दिया यह आश्वासन
सरकार ने बिजली संशोधन विधेयक को पेश किए जाने से पहले सभी संबंधित पक्षों से राय करने और पराली जलाने को लेकर बनाए गए कानून की धारा 14 और 15 में आपराधिक जवाबदेही से किसानों को अलग किए जाने का भी आश्वासन दिया है।
चर्चा
सरकार के प्रस्ताव पर SKM ने की थी चर्चा
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा भेजे गए आश्वासन पत्र पर पहले SKM की पांच नेताओं की समिति ने दिल्ली में बैठक कर चर्चा की और फिर उसे बाद सिंघु बॉर्डर पर SKM की बड़ी बैठक में प्रस्ताव की जानकारी दी गई। जिसे सभी किसानों ने मंजूर कर लिया।
बैठक के बाद किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा था कि किसानों ने सरकार के ड्राफ्ट को स्वीकार कर लिया है। आधिकारिक पत्र मिलते ही आंदोलन के समापन का ऐलान किया जाएगा।
प्रक्रिया
सीमाओं को खाली करने में लगेगा दो दिन का समय
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, SKM प्रतिनिधि बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि दिल्ली की जिन सीमाओं पर किसानों का आंदोलन चल रहा है उन्हें 11 दिसंबर यानी शनिवार से करना शुरू किया जाएगा।
आंदोलन खत्म करने के बाद आगामी 15 दिसंबर को किसान नेता अमृतसर में स्वर्ण मंदिर जाकर मत्था टेकेंगे। 15 जनवरी को दिल्ली में संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली में फिर बैठक करेगा।
सरकार से मांगे पूरी करने का आश्वासन मिलने से सभी किसानों में खुशी है।
पृष्ठभूमि
प्रधानमंत्री मोदी ने किया था कानूनों की वापसी का ऐलान
बता दें कि किसानों के कड़े विरोध और एक साल के किसान आंदोलन को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था।
उसके बाद कृषि मंत्रालय और उपभोक्ता मंत्रालय ने इससे संबंधित विधेयक पर काम शुरू कर दिया था।
सरकार ने 29 नवंबर को संसद में कानूनों को वापस लेने का प्रस्ताव पारित किया था और फिर 1 दिसंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी उसे मंजूरी दे दी थी।
मांग
कानूनों की वापसी के बाद अन्य मांगों पर अड़े हुए थे किसान
कृषि कानूनों की वापसी के बाद किसान MSP पर कानून बनने, दर्ज मुकदमे वापस लेने सहित अन्य मांगों को लेकर अड़े हुए थे।
जिसके बाद 4 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किसानों को फोन कर वार्ता का न्यौता दिया था। उन्होने किसानों को वार्ता के लिए एक समिति बनाने को कहा था।
इस पर किसानों ने युद्धवीर सिंह, अशोक धावले, बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम सिंह चढूनी, शिवकुमार कक्का की पांच सदस्यीय समिति गठित की थी।