बिहार: क्या है छपरा में जहरीली शराब से मौतों का मामला, जिस पर गरम है सियासत?
क्या है खबर?
बिहार के छपरा (सारण) जिले में जहरीली शराब पीने से अब तक करीब 60 लोगों की मौत हो चुकी है और इसे लेकर राज्य की सियासत गरमाई हुई है।
भाजपा ने जहरीली शराब से हुई मौतों के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया है, वहीं नीतीश ने सारा शराब पीने वाले लोगों पर ही डाल दिया है।
आइए जानते हैं कि बिहार में हुआ यह पूरा मामला क्या है और अब तक क्या-क्या बातें सामने आई हैं।
घटना
क्या है पूरा मामला?
छपरा जिले के इसुआपुर थाना क्षेत्र के दोइला गांव में मंगलवार को पहली बार जहरीली शराब से मौत होने का मामला सामने आया था।
मौत होने का सिलसिला तीन दिन बाद भी जारी है और अभी तक 60 लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों में शराब बेचने वाले कुछ लोग भी शामिल हैं।
सबसे ज्यादा मौतें छपरा के मशरख, अमनौर और मढ़ौरा में हुई हैं। कई बीमार लोगों का अभी अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
कार्रवाई
मामले में अब तक क्या कार्रवाई हुई?
मामले की जांच के लिए गठित की गईं पुलिस और आबकारी विभाग की टीमों ने कई इलाकों में छापेमारी की है।
अब तक 150 लोगों से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 600 लीटर से अधिक मात्रा में अवैध शराब बरामद हुई है।
मशरख पुलिस थाने में तैनात कुछ पुलिसकर्मियों को सस्पेंड भी कर दिया गया है। कुछ प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए हैं।
आरोप
भाजपा ने बिहार सरकार पर साधा निशाना
भाजपा ने आरोप लगाया है कि बिहार सरकार जहरीली शराब से मरने वालों की असल संख्या को छिपा रही है।
नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार में शराबबंदी के बावजूद पुलिस अधिकारियों और राज्य प्रशासन के संरक्षण में जहरीली शराब की बिक्री हो रही है, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुप हैं और वह आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
भाजपा ने शराबबंदी को खत्म करने की मांग भी की है।
बयान
नीतीश का क्या कहना है?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि बिहार में शराबबंदी खत्म नहीं होगी और शराब पीकर मरने वाले लोगों को सरकार किसी प्रकार का मुआवजा नहीं देगी।
उन्होंने कहा कि लोगों की जान शराब पीने की गंदी आदत की वजह से गई है और जो शराब पीएगा, वो मरेगा ही। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार शराब के खिलाफ प्रचार करेगी।
इससे पहले बुधवार को नीतीश बिहार विधानसभा में भड़क गए थे और भाजपा विधायकों को शराबी कह डाला था।
अन्य मामले
जहरीली शराब से पहले भी हो चुकी है सैंकड़ों लोगों की मौत
बिहार में पहले भी जहरीली शराब पीने से कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। नालंदा जिले में इसी साल जनवरी में जहरीली शराब पीने से 13 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि मार्च में होली पर बांका और मधेपुरा समेत अन्य जिलों में दर्जनों मौतें हुई थीं।
पिछले साल पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज और समस्तीपुर में भी करीब 100 लोगों की जहरीली शराब से मौत हुई थी। इसके अलावा कई लोग अपनी आंख की रोशनी भी खो चुके हैं।
पृष्ठभूमि
बिहार में 2016 में हुई थी शराबबंदी
बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने 5 अप्रैल, 2016 को राज्य में शराब के निर्माण, व्यापार, भंडारण, परिवहन, बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगा दिया था।
शराबबंदी के कारण राज्य में शराब की कालाबाजारी और अवैध शराब की ब्रिकी बढ़ी है और कुछ शराब माफिया नकली शराब बेच देते हैं ।
अवैध रूप से तैयार की गई इसी कच्ची और मिलावटी शराब को पीने से लोगों की मौत हो जाती है।