
गलवान हिंसा के 5 साल: भारत ने सड़कों और सैन्य तैनाती बढ़ाकर कैसे मजबूत की नाकेबंदी?
क्या है खबर?
आज से ठीक 5 साल पहले यानी 15 जून 2020 को लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ भारतीय सैनिकों की झड़प हुई थी।
इस घटना ने भारत-चीन संबंधों में एक नया और दर्दनाक अध्याय जोड़ दिया। इससे न सिर्फ भारत-चीन संबंध फिर से परिभाषित हुए, बल्कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत ने अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए कई सुधार किए।
आइए इनके बारे में जानते हैं।
बुनियादी ढांचा
भारत ने सीमा पर मजबूत किया बुनियादी ढांचा
हमले के बाद के सालों में भारत ने अपनी सैन्य तैयारियों को नए सिरे से शुरू किया। इनमें सीमा पर बुनियादी ढांचे को मजबूत करना सबसे अहम है।
भारत ने इस इलाके में सैनिकों और हथियारों की तेजी से तैनाती की और LAC पर अपनी मौजूदगी बढ़ाई। इनमें निगरानी प्रणाली, मानवरहित ड्रोन, तोपखाने और चिकित्सा उपकरण शामिल है।
भारत ने खासतौर पर पूर्वी लद्दाख में अपनी क्षमता बढ़ाने पर खास फोकस किया।
सड़क
BRO ने एक साल में पूरी की 75 परियोजनाएं
वित्त वर्ष 2025-26 के केंद्रीय बजट में रक्षा मंत्रालय को 6.81 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इसमें से 7,146 करोड़ रुपये सीमा सड़क संगठन (BRO) के लिए आवंटित हुए थे।
BRO ने इस क्षेत्र में केवल 2024 में ही 2,236 करोड़ रुपये की लागत से 75 परियोजनाएं पूरी कीं। इनमें लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और हिमाचल प्रदेश जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में सड़कें और पुल का निर्माण शामिल हैं।
कूटनीतिक कदम
भारत ने ये कूटनीतिक कदम भी उठाए
विवाद सुलझाने के लिए 4 साल में भारत और चीन के बीच 31 बार सीमा वार्ता और 21 बार सैन्य कमांडर-स्तरीय बातचीत हुई है।
इस दौरान कई टकराव बिंदुओं से पीछे हटने पर सहमति बनी है।
फरवरी 2021 में पैंगोंग त्सो के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से, अगस्त 2021 में गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में पेट्रोलिंग पॉइंट 17 से और सितंबर 2022 में पेट्रोलिंग पॉइंट 15 और अक्टूबर, 2024 में डेमचोक और देपसांग में पीछे हटने पर सहमति बनी।
उड़ान
क्या सुधर रहे हैं भारत-चीन संबंध?
21 अक्टूबर, 2024 को भारत ने कहा कि वह LAC पर गश्त को लेकर चीन के साथ एक समझौते पर पहुंच गया है।
23 अक्टूबर, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर मुलाकात हुई।
12 जून, 2025 को विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने चीनी उप विदेश मंत्री सन वेइदोंग से मुलाकात की। इसमें द्विपक्षीय संबंधों और सीधी उड़ानों को शुरू करने पर चर्चा हुई।