सर्वे में बदहाल शिक्षा का खुलासा, एक-चौथाई बच्चे नहीं पढ़ पाते दूसरी कक्षा का पाठ्यक्रम- रिपोर्ट
ताजा वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट (ASER) में देश में शिक्षा की स्थिति को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 14 से 18 साल की उम्र के लगभग 26 प्रतिशत बच्चे अपनी क्षेत्रीय भाषाओं में कक्षा 2 के स्तर का पाठ्यक्रम भी ठीक से नहीं पढ़ सकते हैं। इसी आयु वर्ग में कम से कम 42 प्रतिशत छात्र ऐसे हैं, जो अंग्रेजी नहीं पढ़ सकते हैं। ये रिपोर्ट गैर-लाभकारी संस्था (NGO) प्रथम फाउंडेशन ने जारी की है।
बढ़ती उम्र के साथ स्कूल-कॉलेज से दूर हो रहे छात्र
रिपोर्ट के मुताबिक, 14-18 साल के कुल 86.8 प्रतिशत बच्चों ने स्कूल या कॉलेज में दाखिला ले रखा है। हालांकि, जैसे-जैसे बच्चों की उम्र बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे स्कूल-कॉलेज में इनका नामांकन भी कम होने लग जाता है। फिलहाल स्कूल या कॉलेज में दाखिला नहीं लेने वाले 14 साल तक के बच्चों का आंकड़ा 3.9 प्रतिशत है। 16 साल के बच्चों में ये आकंड़ा 10.9 प्रतिशत और 18 साल के बच्चों में 32.6 प्रतिशत तक है।
गणित में जूझ रहे छात्र
रिपोर्ट में कहा गया कि 2017 में 14-18 साल के 76.6 प्रतिशत बच्चे दूसरी कक्षा का पाठ्यक्रम पढ़ सकते थे, जबकि 2023 में ये आंकड़ा कम होकर 73.6 प्रतिशत पर आ गया है। हालांकि, 2017 में अंकगणित में 39.5 प्रतिशत छात्र तीसरी-चौथी स्तर के विभाजन के सवालों को हल करते थे, जो अब बढ़कर 43.3 प्रतिशत हो गया है। अभी भी आधे से अधिक छात्र 3 और एक अंक की संख्या के विभाजन को हल नहीं कर पा रहे हैं।
छात्राएं स्थानीय भाषा और छात्र गणित-अंग्रेजी में अच्छे
76 प्रतिशत छात्राएं अपनी क्षेत्रीय भाषा में कक्षा दूसरी के स्तर का पाठ आसानी से पढ़ ले रही हैं। छात्रों में ये आंकड़ा 70.9 प्रतिशत है। इसके उलट छात्र अंकगणित और अंग्रेजी पाठ पढ़ने में छात्राओं से बेहतर हैं। विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) में प्रवेश लेने के मामले में भी छात्र छात्राओं से आगे हैं। STEM में 36.3 प्रतिशत छात्र और 28.1 प्रतिशत छात्राएं प्रवेश ले रही हैं।
स्मार्टफोन तक छात्रों की पहुंच ज्यादा
रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 89 प्रतिशत छात्रों के घर में स्मार्टफोन है। इनमें से 92 प्रतिशत इसे चलाना भी जानते हैं और 31 प्रतिशत के पास खुद का स्मार्टफोन है। स्मार्टफोन तक पहुंच के मामले में छात्राएं काफी पीछे हैं। जिन 31 प्रतिशत विद्यार्थियों के पास खुद का स्मार्टफोन हैं, उनमें से 43.7 प्रतिशत छात्र और 19.8 प्रतिशत छात्राएं हैं। स्मार्टफोन तक पहुंच वाले 90.5 प्रतिशत विद्यार्थी सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं।
कैसे तैयारी की गई रिपोर्ट?
प्रथम फाउंडेशन ने रिपोर्ट तैयार करने के लिए 26 राज्यों के 28 जिलों में सरकारी और निजी संस्थानों में नामांकित 34,745 युवाओं का सर्वे किया। इस बार सर्वे केवल 14 से 18 साल के विद्यार्थियों पर किया गया। 2022 में स्कूली बच्चों पर लॉकडाउन के प्रभावों को समझने के लिए 616 जिलों के 19,060 स्कूलों के लगभग 7 लाख बच्चों पर सर्वे किया गया था। ये सर्वे हर दो साल में किया जाता है।