'सालार' में प्रभास की मौजूदगी से बेफिक्र थे पृथ्वीराज सुकुमारन, प्रशांत नील ने किया ये खुलासा
क्या है खबर?
प्रशांत नील के निर्देशन में बनी फिल्म 'सालार' की न सिर्फ दर्शकों, बल्कि समीक्षकों ने भी दिल खाेलकर तारीफ की है, वहीं फिल्म में प्रभास के एक्शन और धांसू अंदाज की भी जमकर तारीफ हो रही है। पिछली कुछ फ्लॉप फिल्मों के बाद प्रभास ने पर्दे पर धमाकेदार वापसी की है।
प्रभास की ही नहीं, फिल्म में दूसरे सुपरस्टार पृथ्वीराज सुकुमारन की भी तारीफ हो रही है।
हाल ही में प्रशांत ने पृथ्वीराज और उनके किरदार पर बात की।
बयान
"पृथ्वीराज जानते थे कि सालार प्रभास की फिल्म है"
इंडिया टुडे से प्रशांत ने कहा, "पृथ्वीराज को पता था कि 'सालार' प्रभास की फिल्म है। वह एक बड़े स्टार हैं, लेकिन उन्हें अपनी स्क्रीन टाइम की कोई चिंता नहीं थी। वह फिल्म में प्रभास की मौजूदगी से बेफिक्र थे और बिल्कुल असुरक्षित नहीं थे।"
उन्होंने कहा, "वह जानते थे कि इस फिल्म को एक निश्चित तरीके से बनाया जाना चाहिए और एक निर्देशक-अभिनेता के रूप में उन्हें पता था कि चरित्र में किस तरह का प्रदर्शन होगा।"
तारीफ
पृथ्वीराज स्टार बनकर 'सालार' के सेट पर नहीं आए- प्रशांत
प्रशांत ने आगे कहा, "अगर पृथ्वीराज एक स्टार के रूप में सेट पर आते तो वह वह नहीं कर पाते जो उन्होंने किया। अगर वह स्टारडम का बोझ साथ लेकर आते तो अपने किरदार के साथ इंसाफ नहीं कर पाते।"
वह बोले, "मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि उन्होंने 'सालार' के लिए जो किया है, वह देश में किसी अन्य स्टार ने नहीं किया होगा।"
इस फिल्म में पृथ्वीराज पर उनका किरदार वर्धा खूब जमा है।
सम्मान
कई पुरस्कार जीत चुके हैं पृथ्वीराज
'सालार' में पृथ्वीराज में विलेन की भूमिका निभाई है। वह फिल्म के उन कलाकारों में शुमार हैं, जो खलनायक के रूप में भी हीरो की तरह चमक रहे हैं।
दक्षिण भारतीय सिनेमा खासकर मलयालम और तमिल फिल्मों में पृथ्वीराज बेहद लोकप्रिय हैं।
वह एक शानदार अभिनेता होने के साथ-साथ एक बेहतरीन निर्देशक, निर्माता और गायक भी हैं।
पृथ्वीराज ने एक राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, तीन केरल राज्य फिल्म पुरस्कार, एक तमिलनाडु राज्य फिल्म पुरस्कार और एक फिल्मफेयर पुरस्कार (साउथ) जीता है।
कहानीे
क्या है 'सालार' की कहानी?
'सालार' की कहानी दो दोस्तों प्रभास और पृथ्वीराज की है। पृथ्वीराज के लिए प्रभास कुछ ऐसा करते हैं कि वह उनका एहसान मानते हैं।
फिर कुछ ऐसा होता है कि पृथ्वीराज के एहसान तले प्रभास दब जाते हैं। फिल्म में श्रुति हासन की एंट्री भी होती है,े लेकिन कुल मिलाकर कहानी पहुंचती है अपराधियों के गढ़ खानसार में, जिसके अपने कुछ नियम और जिसकी अपनी ही दुनिया है। यहां जिंदा रहने के लिए दूसरे की बलि चढ़ानी पड़ती है।
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