द कश्मीर फाइल्स: IFFI इंडिया के जूरी हेड के बयान पर बढ़ा विवाद, जानिए पूरा मामला
गोवा में 53वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल (IFFI) का आयोजन हुआ। कुछ दिन पहले ही इस समारोह में विवेक रंजन अग्निहोत्री की फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' की स्क्रीनिंग हुई थी। इस फेस्टिवल के समापन समारोह के दौरान जूरी हेड नदव लैपिड ने 'द कश्मीर फाइल्स' को लेकर एक विवादित बयान दे दिया है, जिसके बाद इस फिल्म को लेकर विवाद बढ़ गया है। उन्होंने कहा है कि यह एक "प्रोपेगेंडा" फिल्म है। आइए जानते हैं पूरा मामला।
फिल्म के विरोध में क्या बोले जूरी हेड नदव लैपिड?
इजरायली फिल्ममेकर नदव ने 'द कश्मीर फाइल्स' की आलोचना करते हुए इसे "प्रोपेगेंडा और वल्गर" फिल्म बताया। उन्होंने कहा, "इस फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान इसे देखकर हमारी जूरी परेशान और हैरान थी। यह हमें एक प्रोपेगेंडा फिल्म लगी, जिसे इतने बड़े प्रतिष्ठित समारोह में प्रदर्शित करना उचित नहीं लगा। मैं मंच पर अपनी भावनाओं को साझा करने के लिए सुखद हूं। इस आलोचनात्मक चर्चा को कला और जीवन के लिए स्वीकार करना जरूरी है।"
यहां देखिए जूरी हेड का विवादित बयान
IFFI इंडिया ने नदव के बयान से किया किनारा
IFFI इंडिया के जूरी बोर्ड ने नदव के बयान से किनारा कर लिया है। जूरी बोर्ड ने कहा, "नदव ने फिल्म के बारे में जो कुछ भी कहा है, वह उनकी व्यक्तिगत राय है और बोर्ड का उनके बयान से कुछ लेना-देना नहीं है।"
अनुपम खेर ने नदव पर किया पटलवार
फिल्ममेकर नदव के बयान के बाद देशभर में उनका विरोध शुरू हो गया। फिल्म के मुख्य कलाकार अनुपम खेर ने ट्वीट कर उनका विरोध किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'झूठ का कद कितना भी ऊंचा क्यों ना हो..सत्य के मुकाबले में हमेशा छोटा ही होता है।' वहीं ANI के साथ बातचीत में भी उन्होंने कहा, "भगवान उनको सदबुद्धि और थोड़ी अकल दे, ताकि वे हजारों लोगों की त्रासदी का इस्तेमाल कर अपना ध्येय पूरा ना करें।"
यहां देखिए अनुपम खेर ने क्या कहा
फिल्ममेकर अशोक पंडित ने भी जताई नाराजगी
फिल्ममेकर अशोक पंडित ने कहा कि सूचना एंव प्रसारण मंत्रालय की तरफ से नदव को IFFI जूरी का हेड बनाना ही बड़ी चूक थी। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'इजरायली फिल्ममेकर नदव ने 'द कश्मीर फाइल्स' को वल्गर फिल्म कहकर भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का मजाक उड़ाया है। उन्होंने भाजपा सरकार की नाक के नीचे सात लाख कश्मीरी पंडितों का अपमान किया है। यह IFFI की विश्वसनीयता के लिए बड़ा झटका है।'
कांग्रेस ने किया नदव के बयान का समर्थन
इस पूरे विवाद ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। कांग्रेस के कुछ नेताओं ने नदव के बयान का समर्थन किया है। कांग्रेस सोशल मीडिया चेयरपर्सन सुप्रिया श्रीनेत ने नदव के भाषण को ट्विटर पर भी शेयर किया है। उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनकी सरकार, भाजपा, आरडब्ल्यू इकोसिस्टम ने 'द कश्मीर फाइल्स' का प्रचार किया था। यह एक ऐसी फिल्म है, जिसे IFFI में खारिज कर दिया गया।"
भारत में इजरायल के राजदूत ने नदव के बयान को बताया शर्मनाक
बता दें कि 'द कश्मीर फाइल्स' का भाजपा के कई नेताओं ने प्रचार किया था। भाजपा शासित कई राज्यों में इसे टैक्स-फ्री किया गया था। अब इसे पूरे प्रकरण पर भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने भी जूरी हेड के बयान की निंदा की है। उन्होंने नदव को खुला पत्र लिखते हुए ट्विटर पर लिखा, 'आपको शर्म आनी चाहिए, भारतीय संस्कृति में मेहमान को भगवान माना जाता है। आपने सम्मान और गर्मजोशी भरे स्वागत का दुरुपयोग किया है।'
यहां देखिए भारत में इजरायल के राजदूत का बयान
कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित है फिल्म
'द कश्मीर फाइल्स' 11 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। इसने दुनियाभर में रिकॉर्ड 340 करोड़ रुपये कमाए। इसकी कहानी सच्ची घटना को केंद्र में रखकर बुनी गई है, जिसमें कश्मीरी पंडितों के पलायन और नरसंहार को फिल्माया गया है। कई लोगों का मानना है कि फिल्म के जरिए मेकर्स ने नफरत फैलाने की कोशिश की। अनुपम ने फिल्म में पुष्कर नाथ पंडित का किरदार निभाया है। इसमें मिथुन चक्रवर्ती, दर्शन कुमार, पल्लवी जोशी और चिन्मय मंडलेकर दिखे हैं।
एशिया के सबसे प्रतिष्ठित फिल्म फेस्टिवल्स में से एक है IFFI
IFFI की शुरुआत 1952 में हुई थी। अब यह एशिया के सबसे प्रतिष्ठित फिल्म फेस्टिवल में गिना जाता है। यह फिल्म फेस्टिवल जहां दुनियाभर के फिल्म मेकर्स को अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए मंच देता है, वहीं सिनेमा में दिलचस्पी रखने वालों को एक-दूसरे के काम देखने और समझने का मौका देता है। इसका आयोजन डायरेक्टरेट ऑफ फिल्म फेस्टिवल्स, गोवा राज्य सरकार के साथ मिलकर करती है। इसका मकसद भारतीय सिने जगत को विश्व सिनेमा से जोड़ना है।