दीपिका ही नहीं, ये भारतीय कलाकार भी कान्स महोत्सव में बन चुके हैं जूरी
कान्स फिल्म महोत्सव में जूरी बनना किसी उपलब्धि से कम नहीं है। अब बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण कान्स फिल्म महोत्सव 2022 के जूरी पैनल में शामिल हो गई हैं। जूरी मेंबर के रूप में शामिल होने की जानकारी दीपिका ने खुद इंस्टाग्राम पर शेयर की है। बहुत कम लोगों को पता होगा कि दीपिका ही नहीं, बल्कि बॉलीवुड के कई कलाकारों ने कान्स फिल्म महोत्सव में जूरी की भूमिका निभाई है। आइए उन कलाकारों पर एक नजर डालते हैं।
ऐश्वर्या राय
पूर्व मिस वर्ल्ड और बॉलीवुड अभिनेत्री ऐश्वर्या राय कान्स के रेड कार्पेट पर कई बार अपना जलवा दिखा चुकी हैं। खबरों की मानें तो वह एक बार फिर कान्स 2022 में नजर आएंगी। रेड कार्पेट पर अपनी अदाओं से लोगों को आकर्षित करने के अलावा ऐश्वर्या कान्स में जूरी मेंबर के रूप में भी दिख चुकी हैं। वह 2003 में कान्स की जूरी बनने वाली पहली भारतीय महिला अभिनेत्री बनी थीं।
नंदिता दास
इस सूची में अगला नाम अभिनेत्री और निर्देशक नंदिता दास का है। 2005 में 58वें कान्स फिल्म समारोह में उन्हें जूरी सदस्य के रूप में चुना गया था। ऐश्वर्या के बाद उन्होंने कान्स की जूरी बनने वाली दूसरी भारतीय अभिनेत्री का तमगा हासिल किया। इसके अलावा उनके निर्देशन की बायोपिक फिल्म 'मंटो' को भी कान्स फिल्म महोत्स के लिए चुना गया था। कान्स में इस फिल्म को खूब वाहवाही मिली थी।
शर्मिला टैगोर
2009 में मशहूर अदाकारा शर्मिला टैगोर ने कान्स के अंतरराष्ट्रीय जूरी पैनल में जगह बनाई थी। सत्यजीत रे द्वारा निर्देशित शर्मिला की बंगाली फिल्म 'देवी' को 1962 में कान्स के सर्वोच्च सम्मान पाल्मे डी'ओर (गोल्डन पाम) के लिए नॉमिनेट किया गया था। शर्मिला ने अपने फिल्मी सफर की शुरुआत महज 13 साल की उम्र में सत्यजीत की फिल्म 'अपूर संसार' से की थी। उन्होंने 'मौसम', 'अनुपमा', 'सत्यकाम', 'बंधन', 'आविष्कार' और 'एकलव्य' जैसी फिल्मों में काम किया है।
शेखर कपूर
इस कड़ी में अगला नाम फिल्ममेकर शेखर कपूर का है। 1994 में उनकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पसंद की गई फिल्म 'बैंडिट क्वीन' को कान्स में प्रस्तुत किया गया था। इसके बाद 2010 में उन्हें इस महोत्सव के लिए जूरी पैनल में जगह दी गई थी। शेखर ने 'मासूम' से 1983 में निर्देशन की दुनिया में कदम रखा था, जिसे उस साल की बेस्ट फिल्म का फिल्मफेयर क्रिटिक्स अवॉर्ड मिला था। उन्होंने 'मिस्टर इंडिया' जैसी हिट फिल्म का निर्देशन किया है।
विद्या बालन
विद्या बालन एक ऐसी अभिनेत्री हैं, जिनकी मौजूदगी ही किसी फिल्म को खास बना देती है। वह अपने ग्लैमरस और बिंदास अंदाज के लिए जानी जाती हैं। वह भी कान्स में जूरी की सदस्य रह चुकी हैं। उन्होंने 2013 में आयोजित 66वें कान्स फिल्म समारोह में बतौर जूरी अपनी भूमिका निभाई थी। उन्होंने अभिनेत्री निकोल किडमैन, निर्देशक एंग ली, अभिनेता क्रिस्टोफर वाल्ट्ज और फिल्म निर्माता स्टीवन स्पीलबर्ग जैसे दिग्गजों के साथ जूरी की शोभा बढ़ाई थी।
न्यूजबाइट्स प्लस (फैक्ट)
कान्स की शुरुआत 20 सितंबर, 1946 को हुई थी। इसमें दुनियाभर की चुनिंदा फिल्मों, डॉक्युमेंट्री को दिखाया जाता है। शुरुआत में फिल्म फेस्टिवल में 21 देशों की फिल्में दिखाई गई थीं। 1950 में चेतन आनंद इंटरनेशनल ज्यूरी में भारत से पहले सदस्य बने थे।