पढ़ाई करते समय आता है आलस तो अपनाएं ये टिप्स
अधिकांश छात्रों की शिकायत होती है कि वे मन लगाकर पढ़ाई करना चाहते हैं, लेकिन जब भी पढ़ाई करने बैठते हैं उन्हें आलस आने लगता है। परीक्षा की तैयारी के समय आलस आने के कारण पाठ्यक्रम पूरा नहीं हो पाता। इससे तनाव बढ़ता है और छात्रों का प्रदर्शन खराब होता है। अगर आप भी पढ़ाई करते समय आलस या नींद महसूस करते हैं तो यहां बताई गई टिप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।
क्यों आता है पढ़ाई में आलस?
नियमित रूप से पढ़ाई न करने से कई छात्रों को आलस आता है। बिना ब्रेक लेकर लगातार पढ़ना भी गलत है। एक ही विषय लगातार पढ़ने से उस विषय में बोरियत होने लगती है। ऐसे में इन कारणों से दूर रहें।
रोशनी युक्त कमरे में पढ़े
अंधेरे में पढ़ाई करते वक्त हमारी आंखों पर ज्यादा दबाव पड़ता है और इसके कारण आलस बढ़ता है। अंधेरे में पढ़ने से आंखों की मांसपेशियां शिथिल पड़ने लगती हैं, इससे मस्तिष्क थकान महसूस करने लगता है और नींद आने लगती है। ऐसे में छात्र सुनिश्चित करें कि पढ़ने की जगह अच्छी रोशनदार हो। पढ़ने के स्थान पर बाहर की हवा और पर्याप्त प्राकृतिक रोशनी से आपके शरीर में ताजगी बनी रहेगी और पढ़ाई में मन लगेगा।
लेटकर पढ़ने से बचें
कई छात्र अक्सर लेटकर पढ़ाई करते है, ये उनकी सबसे बड़ी गलती होती है। बिस्तर पर लेटकर पढ़ने से आलस बढ़ेगा और नींद आने लगेगी। ऐसे में पढ़ाई करते समय हमेशा कुर्सी पर पीठ सीधी करके ही बैठें। गोद में किताब रखने के बजाय सामने टेबल पर किताब रखकर पढ़ें। कुर्सी पर बैठते समय अपने हाथ, पांव थोड़ी देर में हिलाते रहे, इससे शरीर में सुस्ती नहीं होगी और सक्रियता बनी रहेगी।
टहलते हुए पढ़ें
अगर बैठकर पढ़ाई करने से आपको नींद आ रही है तो तुरंत खड़े हो जाए और टहलते हुए पढ़ें। टहलते हुए पढ़ने से स्वास्थ्य सही बना रहता है, साथ ही छात्रों की शारीरिक और मानसिक क्षमता में भी बढ़ोतरी होती है। पढ़ाई शुरू करने से पहले हल्का भोजन ही करें ताकि आलस न आए। अगर ज्यादा नींद आ रही है तो 15 मिनट की झपकी ले सकते हैं। प्रतिदिन लक्ष्य निर्धारित करें और पढ़ाई में निरंतरता लाएं।
बोलकर और लिखकर याद करें
अगर पढ़ते-पढ़ते आपको नींद आना शुरू हो जाए तो बोलकर या लिखकर याद करें। अगर आप बोलकर या खुद को समझाते हुए पढ़ते हैं तो दिमाग सक्रिय रहता है। इससे आलस दूर होता है और नींद भी नहीं आती। टॉपर्स की माने तो बोलकर और लिखकर याद करने से जानकारियां लंबे समय तक याद रखी जा सकती है। पढ़ते समय नोट्स बनाएं, इससे रिवीजन में आसानी होगी और पढ़ाई में मन लगेगा।
रुचि वाले विषय पढ़ें
कई बार विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम से कुछ टॉपिक समझ न आते तो वे पढ़ाई छोड़कर कुछ और काम में लग जाते है। अधिकांश विद्यार्थियों को कठिन विषयों को पढ़ने में आलस आता है। ऐसे में पढ़ाई की शुरुआत रुचि वाले विषयों से करें। कठिन विषय को समझने में शिक्षकों की मदद लें। आलस दूर भगाने के लिए छात्र ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से पढ़ाई कर सकते हैं। इसमें रोचक तरीके से तथ्यों को समझाया जाता है।