अपने सपने और जुनून को पूरा करने के लिए इन IITian ने छोड़ी अच्छी नौकरी
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) देश के प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थान हैं, जो छात्रों को गुणवत्ता वाली शिक्षा के साथ-साथ अच्छी नौकरी के अवसर भी प्रदान करती हैं। जहां एक तरफ इन संस्थानों में अधिकांश छात्र अच्छे वेतन पैकेज वाली नौकरी करने का सपना देखते हैं, वहीं कुछ IITian अपने सपने और जुनून को पूरा करेन के लिए आकर्षक नौकरियां छोड़ देते हैं। आज हम कुछ ऐसे IITian के बारे में बताएंगे, जिन्होंने अपने सपने और जुनून के लिए नौकरियां छोड़ी हैं।
सौरभ अग्रवाल ने छोड़ी फ्लिपकार्ट में नौकरी
सौरभ अग्रवाल IIT दिल्ली के पूर्व छात्र और एक एथलीट हैं, जिन्होंने एडवेंचर स्पोर्ट्स को आगे बढ़ाने के लिए फ्लिपकार्ट में आकर्षक नौकरी छोड़ दी है। फ्लिपकार्ट छोड़ने के बाद उन्होंने पैराग्लाइडिंग, स्कीइंग, माउंटेनिंग (2012-13), स्वीडन में आयरनमैन ट्रायथलॉन (अगस्त 2014) पूरा किया, माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने का प्रयास किया (2015) और ला अल्ट्रा मैराथन (2015) समाप्त किया। उन्होंने 2015 में फिटो फिटनेस और प्रशिक्षण ऐप की सह-स्थापना की। साल 2018 में उन्होंने आयरनमैन कोच सर्टिफिकेशन भी प्राप्त किया है।
चाय के जुनून के लिए नितिन सलूजा के छोड़ी नौकरी
नितिन सलूजा ने IIT बॉम्बे स्नातक की है। उन्होंने चाय के लिए अपने जुनून को आगे बढ़ाने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी और बाद में 2012 में देश की लोकप्रिय चाय कैफे श्रृंखला चायोस की स्थापना की। उन्होंने IIT बॉम्बे से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में B.Tech किया है। उन्होंने 2005 में कुछ दोस्तों के साथ रोबोटिक्स कंपनी थिंक लैब्स की सह-स्थापना भी की थी और बाद में 2012 तक US और दिल्ली में ओपेरा सॉल्यूशंस के साथ काम किया।
दिवाकर सांखला ने शिक्षण के लिए छोड़ी नौकरी
दिवाकर सांखला IIT-IIM के पूर्व छात्र हैं, जिन्होंने शिक्षण के अपने जुनून को आगे बढ़ाने के लिए अपनी कॉर्पोरेट नौकरी छोड़ दी। उन्होंने IIT मद्रास से B.Tech और IIM लखनऊ से MBA किया था। सांखला ने टीच फॉर इंडिया फेलोशिप से पहले पेप्सिको और सिटीबैंक इंडिया जैसी शीर्ष कंपनियों के साथ काम किया। जिसने उन्हें बच्चों के लिए अलोहोमोरा एजुकेशन फाउंडेशन शुरू करने के लिए प्रेरित किया। जिसकी उन्होंने 2014 में परिणीता जैन के साथ सह-स्थापना की।
यात्रा के लिए छोड़ी नौकरी
सौरव आर्य IIT खड़गपुर के पूर्व छात्र हैं, जिन्होंने यात्रा करने के लिए ऑपरेशन एंड बिजनेस डेवलपमेंट में अपने आठ साल के करियर को छोड़ दिया। उन्होंने IIT खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में B.Tech किया है। 2014 में MakeITDeals के उपाध्यक्ष (बिजनेस डेवलपमेंट) के रूप में छोड़ने के बाद, Officechai.com के अनुसार उन्होंने क्रिएटिव फ्रीडम, फुलफिलमेंट और स्पिरिचुअल ग्रोथ की तलाश में यात्रा की। बाद में उन्होंने 2015 में बेंगलुरु की एक विजुअल मार्केटिंग फर्म इंप्रेसिव इन्फोग्राफिक्स की स्थापना की।
सुहानी मोहन ने इसलिए छोड़ी जॉब
ड्यूश बैंक में इन्वेस्टमेंट बैंकिंग एनालिस्ट के रूप में काम कर रही IIT बॉम्बे से स्नातक करने वाली सुहानी मोहन ने उच्च-गुणवत्ता, सस्ती सैनिटरी नैपकिन की बढ़ती पहुंच पर काम करने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी। 2015 में कार्तिक मेहता के साथ मोहन ने मुंबई आधारित सारल डिज़ाइन लॉन्च किया था, जो कम आय वाली महिलाओं के लिए कम लागत वाली सैनिटरी नैपकिन की पंहुच प्रदान करने के लिए डिज़ाइनिंग उत्पादों पर ध्यान केंद्रित है।