अगले दो साल में जियो इंस्टीट्यूट में होगा 1,500 करोड़ का निवेश, बनेगा विश्वस्तरीय शैक्षणिक संस्थान
जियो इंस्टीट्यूट तैयार करने के लिए कई करोड़ रुपये का निवेश हो रहा है। नवभारत टाइम्स में छपी एक खबर के अनुसार सरकार की एंपावर्ड एक्सपर्ट कमेटी (EEC) से रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने कहा है कि वह प्रस्तावित जियो इंस्टीट्यूट को विश्वस्तरीय शैक्षणिक संस्थान बनाने के लिए अगले दो साल में लगभग 1,500 करोड़ रुपये लगाएगी। इसको देखकर लग रहा रहा है कि आगे आने वाले समय में छात्रों को एक अच्छा इंस्टीट्यूट मिलने वाला है। आइए जानें पूरी खबर।
EEC ने हो रही देरी के कारण जताई नराजगी
इससे पहले अप्रैल, 2019 में EEC ने प्रस्तावित इंस्टिट्यूट में हो रही देरी को लेकर जियो की टीम से नाराजगी भी जताई थी। इस इंस्टीट्यूट की स्थापना के लिए मुकेश अंबानी की कंपनी अमेरिका में स्टैनफर्ड यूनिवर्सिटी और नॉर्थ-वेस्टर्न यूनिवर्सिटी के एकडेमिक व इंस्टिट्यूशनल एक्सपर्ट्स और सिंगापुर की नानयांग टेक्नॉलजिकल यूनिवर्सिटी से बात भी कर रही है। इसके बारे में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सरकार को यह जानकारी प्रदान की है।
इंस्टिट्यूट ऑफ एमिनेंस में किया शामिल
सरकार ने साल 2018 में जियो इंस्टिट्यूट को इंस्टिट्यूट ऑफ एमिनेंस में शामिल किया था, जबकि तब संस्थान नहीं बना था। तब ये आरोप लगाए गए थे कि किसी संस्थान को भविष्य की योजना पर कैसे यह दर्जा दिया जा सकता है। जियो के साथ-साथ पांच अन्य संस्थानों को भी सरकार ने यह दर्जा दिया था। जिनमें से तीन सरकारी और तीन प्राइवेट संस्थाएं थीं।
लग चुकें हैं 775 करोड़ रुपये
रिलायंस फाउंडेशन इंस्टिट्यूशन ऑफ एजुकेशन ऐंड रिसर्च इसकी स्थापना कर रही है। 06 मई, 2019 को EEC को बताया कि इंस्टिट्यूट में 775 करोड़ रुपये लग चुके हैं। फाउंडेशन ने यह भी बताया था कि 2020 में इसमें 600 करोड़ रुपये और लगाए जाएंगे। इसके साथ ही जियो इंस्टिट्यूट ने सितंबर से अक्टूबर, 2020 के बीच फैकल्टी और लीडरशिप रिक्रूटमेंट पूरा करने की योजना भी बनाई है। इस समय तक ऐकडेमिक प्रोग्राम भी तैयार हो जाएगा।